Jammu: नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे पर चर्चा जारी, बीजेपी अकेले लड़ेगी चुनाव

Jammu: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों की तारीखों के ऐलान के साथ ही सभी पार्टियां तैयारियों में जुट गई हैं, नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि कांग्रेस के साथ जम्मू कश्मीर की ज्यादातर विधानसभा सीट पर बंटवारे को अंतिम रूप दे दिया गया है, जो सीटें बच गई हैं उनपर बातचीत चल रही है।

गठबंधन के ऐलान के तुरंत बाद कांग्रेस ने कहा कि चुनावी अभियान में उनका फोकस बेरोजगार युवाओं पर होगा, जानकारों का कहना है जम्मू, पीर पंजाल और चिनाब घाटी में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस साथ आते हैं तो बीजेपी के लिए भारी चुनौती बन सकते हैं, जम्मू कश्मीर बीजेपी प्रमुख रविंदर रैना ने कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस के गठबंधन के एजेंडे को ‘राष्ट्र-विरोधी’ बताया। उन्होंने कहा कि बीजेपी अकेली चुनाव लड़ेगी। पार्टी अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए निर्दलीय उम्मीदवारों से संपर्क कर रही है।

कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने विपक्षी गुट इंडिया के बैनर तले लोकसभा चुनाव लड़ा था, लोकसभा चुनाव में कांग्रेस जम्मू की दोनों सीट हार गई थी। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कश्मीर घाटी की तीन सीट पर चुनाव लड़ा था, जिसमें एक पर उसे हार का सामना करना पड़ा था, जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव तीन चरणों में 18 सितंबर, 25 सितंबर और एक अक्टूबर को होंगे। वोटों की गिनती चार अक्टूबर को होगी।

राजनैतिक विश्लेषक जफर चौधरी का कहना है कि “अब लेटेस्ट डेवलपमेंट ये हो गया है कि राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे कश्मीर में आए और उन्होंने वहां पर फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला के साथ बात करके उन्होंने अनाउंस कर दिया कि हमारा कांग्रेस का नेशनल कांफ्रेंस के साथ अलायंस होगा। ये अपने आप में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है कि वो नेशनल कांफ्रेंस एक छोटी रीजनल पार्टी है वो दिल्ली में भी बुला सकते थे बात करने के लिए उनका कश्मीर में खुद ही आना और किसी होटल में बात नहीं की, उनका सीधे उनके घर पर जाना। वहां पर जाकर बात की, उन्होंने इंडिकेट किया कि जो आज की परिस्थितियां हैं उसमें वो नेशनल कांफ्रेंस को बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण समझते हैं। उन्होंने अपनी इम्पोर्टेंस जो है वो नेशनल कांफ्रेस को दी।”

जम्मू कश्मीर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष रविंदर रैना कहना है कि “कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस जब सत्ता में थी जब उनकी सरकारें थी तब तो उन्होंने जनता का भला किया नहीं और जब जम्मू कश्मीर की जनता ने उनको नकार दिया तब जाकर उनको अपने एजेंडे ने वही षड्यंत्रकारी साक्ष्य नजर आते हैं। अलगाववादी, आतंकवादी, पाकिस्तानी क्या उसी दौर को कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस वापस लाना चाहती हैं। ये राष्ट्र द्रोही एजेंडे पर काम कर रहे हैं।”

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