Chandrayaan 3: भारत का पहला राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस आज चंद्रयान-थ्री की कामयाब लैंडिंग की पहली सालगिरह पर मनाया जाएगा, इसरो चीफ डॉ. एस. सोमनाथ ने ये ऐलान किया,वह दिल्ली के नेहरू तारामंडल में कार्यक्रम में शामिल हुए। वहां स्कूली बच्चों ने अपने साइंस प्रोजेक्ट दिखाए।
इस मौके पर डॉ. सोमनाथ ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के करीब किसी स्पेसक्रॉफ्ट की पहली बार कामयाब लैंडिंग के असर का जिक्र किया, इसरो चेयरमैन ने स्पेस एक्सप्लोरेशन में भारत की विरासत को जारी रखने के लिए युवा सोच को आगे बढ़ाने पर जोर दिया।
चंद्रयान-थ्री पिछले साल 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरा था, पहले राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस की थीम है- टचिंग लाइव्स व्हाइल टचिंग द मून: इंडियाज स्पेस सागा। इस मौके पर, इसरो चंद्रयान-थ्री मिशन में इकट्ठा किया गया साइंटिफिक डेटा जारी करेगा, ताकि रिसर्चर इसका इस्तेमाल कर सकें।
इसरो चेयरमैन डॉ. एस. सोमनाथ ने कहा कि “हम चंद्रयान लैंडिंग का एक साल पूरे होने के जश्न को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में मना रहे हैं। खास तौर से ये लोगों को प्रेरित करने और अंतरिक्ष को अहम सेक्टर के रूप में देखने के लिए, क्योंकि अब ये धीरे-धीरे बदल रहा है कि ये अब हाई-टेक सेक्टर नहीं है जिस पर हमें काम करना जारी रखना है, लेकिन इसमें बहुत क्षमता है और ये आने वाले दिनों में इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर बन रहा है। दूसरी बात उद्योगों और व्यवसायों का इको-सिस्टम बनाना भी अहम है, ताकि ये फल-फूल सकें, निवेश पर फायदा कमा सकें और खुद को बनाए रखने के लिए बिजनेस भी कर सके।”
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि “इसलिए मैं चंद्रयान-थ्री को ‘एलिमेंट ऑफ इंस्पिरेशन’ के रूप में देखता हूं क्योंकि एक्सप्लोरेशन हमेशा लोगों के मन में प्रेरणा के इस एलीमेंट को जोड़ता है। लोग, खास तौर से युवा लोग, इसे कुछ ऐसा मानते हैं जो भारत ने कई दूसरे देशों की तुलना में अपने लिए किया है। आइए हम खुद पर, अपनी क्षमता पर गर्व करें और खुद पर भरोसा करें ताकि लोग स्वाभाविक रूप से सीखने, पढ़ने और खोजने के लिए उत्साह पैदा करने का तरीका खोज सकें। ये देश के लिए बहुत अहम है, मैं इसे इसी नजरिए से देखता हूं।”