Assam: असम के प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम-इंडिपेंडेंट (उल्फा-आई) ने दावा किया कि उसने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पूरे राज्य में 24 जगहों पर बम लगाए हैं। इससे पुलिस और लोगों में हड़कंप मच गया, डिब्रूगढ़ और ऊपरी असम के कई इलाकों में एहतियातन सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
अधिकारियों ने कहा कि उल्फा-आई ने स्वतंत्रता दिवस पर असम में सिलसिलेवार विस्फोट करने के लिए 24 जगहों पर बम लगाने का दावा किया था। इसके बाद पुलिस ने गुवाहाटी में कुल आठ जगहों से विस्फोटक जैसे सामान बरामद किए।
मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा के 78वें स्वतंत्रता दिवस के भाषणा के कुछ मिनट बाद ये ई-मेल मिला, इसके तुरंत बाद बम निरोधक दस्ते के साथ सुरक्षा कर्मियों को जांच के लिए रवाना किया गया। इसके घटना के बाद खुफिया एजेंसियों पर भी सवाल उठ रहे हैं क्योंकि पुलिस को बम लगाये जाने की खबर के बारे में तब तक कुछ नहीं पता था, जब तक कि उल्फा (आई) ने खुद इसके बारे में जानकारी नहीं दी।
जैसे ही ये खबर सामने आई इसने 2008 के सिलसिलेवार बम विस्फोटों की याद ताजा कर दी। एनडीएफबी के रंजन दैमारी गुट ने 30 अक्टूबर, 2008 को पूरे असम में सिलसिलेवार बम विस्फोट किए थे, जिसमें 88 लोगों की जान चली गई थी और 500 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। डीजीपी जी. पी. सिंह ने ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा, “असम पुलिस ने बम की खोज में पूरे राज्य में तलाशी ली। गुवाहाटी में दो जगहों पर संदिग्ध चीजें मिलीं।”
उन्होंने कहा कि संदिग्ध चीजों को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है, इन 24 जगहों में से आठ गुवाहाटी में हैं। इनमें दिसपुर में असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा समेत बाकी मंत्रियों के आधिकारिक आवास के पास ‘लास्ट गेट’ पर खुला मैदान शामिल है। दूसरी जगह गुवाहाटी में नारेंगी सैन्य छावनी की ओर जाने वाला सतगांव मार्ग है। इसके अलावा राजधानी में गांधी मंडप के पास आश्रम रोड, पानबाजार, जोराबाट, भेटापारा, मालीगांव और राजगढ़ में भी बम लगाने का दावा किया गया है।
शिवसागर, डिब्रूगढ़, लखीमपुर, नागांव, नलबाड़ी, तामुलपुर, तिनसुकिया और गोलाघाट जिलों में उन जगहों के भी नाम बताए गए हैं, जहां उल्फा (आई) ने बम लगाने का दावा किया है। पुलिस ने ईमेल में बताई गई जगहों और उसके आसपास की सभी सड़कों को बंद कर दिया है।