Jammu: स्वतंत्रता दिवस के नजदीक आते ही बीएसएफ यानी सीमा सुरक्षा बल ने जम्मू में इंटरनेशनल बॉर्डर के करीबी इलाकों में अपनी चौकसी बढ़ा दी है, पेट्रोलिंग टीम में शामिल बीएसएफ की महिला जवान भी पूरी तरह मुस्तैद और किसी भी हालात का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है। उनके लिए गर्मी, बारिश या ठंड मायने नहीं रखती।
बीएसएफ की महिला जवान बताती हैं कि उन्हें घुसपैठ, ड्रोन हमले और तस्करी जैसी चुनौतियों से निपटना होता है। जम्मू रीजन में आतंकवादी गतिविधियों में हाल ही में हुई बढ़ोतरी के जवाब में सुरक्षा बढ़ा दी गई है, साथ ही हर तरह के खतरे से बेहतर तरीके से निपटने के लिए खास रणनीति तैयार की गई है। अधिकारियों के मुताबिक सीमा पर घुसपैठ की कोशिशें हुई, लेकिन अलर्ट बीएसएफ जवान चौबीसों घंटे चौकन्ने रहते हुए, जल, थल या वायु से आने वाली किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार हैं।
बीएसएफ जवान मीनाक्षी चंद्रा ने बताया कि “हम पूरी तरह से तैनात हैं यहां पर, हम अपनी पूरी तरह से ड्यूटी यहां पर कर रहे हैं ताकि देशवासियों को कोई दिक्कत ना आए बाकी इस बात का हमें बहुत गर्व है कि हम बीएसएफ में भर्ती हुए हैं और हमें ये मौका मिला है कि हम दे की सेवा कर सके और देशवासियों को कोई दिक्कत ना आए हमारे रहते हुए यहां पर।”
इसके साथ ही बताया कि इस बॉर्डर पर ज्यादातर घुसपैठ, क्रॉस बॉर्डर फायरिंग होती है। तस्करी होती हैै और ड्रॉन एक्टिविटी होती रहती है तो हमें उन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। गर्मियों में तो बहुत ज्यादा गर्मी होती है और सर्दियों में बहुत ज्यादा सर्दी होती है लेकिन हमें इन सबकी ट्रेनिंग दे रखी है ट्रेनिंग सेंटर्स में तो हम इस मौसम का सामना करने में सक्षम हैं। यह है कि हम देश की सुरक्षा कर रहे हैं वो भी महिलाओं को पहले ऐसे देखा जाता था कि महिलाओं को पुरुषों से कम आंका जाता था लेकिन अब वो वक्त नहीं रहा है क्योंकि हम फोर्स में हैं तो हमारे लिए कुछ भी ऐसा नहीं है कि एक जवान अलग है, जवान के लिए अलग ड्यूटी या टॉस्क हैं। कोई हमारे बीच अंतर नहीं है और हम बड़ा फक्र महसूस करते हैं कि महिलाओं को पहले बोला जाता था कि वो घर तक सीमित हैं। आज वो वक्त नहीं रहा, एक महिला एक घर भी संभाल रही है और अपने देश की सेवा और सुरक्षा भी कर रही है।”
सब इंस्पेक्टर आलोक कुमार राय ने कहा कि “जो स्वतंत्रता दिवस आ रहा है इसको देखते हुए हम देशवासियों को यह कहना चाहेंगे कि बीएसएफ जो फर्स्ट लाइन डिफेंस है इंडिया की वो पूरी तरह से तैयार है बॉर्डर पर किसी भी तरह से कोई भी चैलेंज स्वीकार करने के लिए, यहां पर चैलेंजेस मेन हैं क्रॉस बॉर्डर फायरिंग और हमारे ऊपर गोलीबारी हो सकती है और इन्फिल्ट्रेशन का खतरा बहुत ज्यादा है और एक अभी मेजर चैलेंज है ड्रॉन का।”