Manu Bhaker: कड़ी मेहनत रंग लाई, एलए ओलंपिक 2028 में और बेहतर करूंगी- मनु भाकर

Manu Bhaker: पेरिस ओलंपिक में डबल मेडल विजेता मनु भाकर क्लोजिंग सेरेमनी के बाद अपनी मां और कोच जसपाल राणा के साथ भारत लौट आईं हैं, 22 साल की मनु ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में कांस्य पदक जीतकर भारत को पेरिस में पहला मेडल दिलाया, इसके बाद उन्होंने सरबजोत सिंह के साथ 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीता।

मनु भाकर ने कहा कि “मुझे लगता है कि हम सभी पदक जीतने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं, लक्ष्य कड़ी मेहनत करना और भविष्य में इस प्रदर्शन को बेहतर बनाना है।” मनु की नजरें एलए 2028 ओलंपिक पर टिकी हैं। वे 10 मीटर एयर पिस्टल, 25 मीटर एयर पिस्टल और 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्सिड इवेंट से स्विच करने के मूड में नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि “एलए 2028 ओलंपिक में मैं अपना बेस्ट दूंगी और कड़ी मेहनत करूंगा, लेकिन देखते हैं कि चीजें क्या होती हैं। मेरे पास फोकस करने के लिए तीन इवेंट हैं और मैं उन पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखूंगी। उन तीन इवेंट में अपना सबसे अच्छा प्रदर्शन करूंगी।”

मनु ने कहा कि ये उनकी कड़ी मेहनत का ही नतीजा है कि वे पेरिस ओलंपिक में दो मेडल जीतने में कामयाब रहीं। उन्होंने कहा, “मैंने अपने सभी आयोजनों में कड़ी मेहनत की। कड़ी मेहनत नतीजों में दिखाई देती है। मैं इसकी बहुत उम्मीद कर रही थी। मुझे उम्मीद है कि ये यहीं नहीं रुकेगा और भारतीय ज्यादा मेडल जीतेगा।”

मनु ने ओलंपिक की क्लोजिंग सेरेमनी में भारत की अगुवाई करने पर भी खुशी जताई, उन्होंने कहा, “ध्वजवाहक बनना जीवन भर का मौका मथा। मैं आभारी हूं कि मुझे ये मौका मिला और मैं इसे जीवन भर संजो कर रखूंगी।” मनु ने भारतीय हॉकी की दीवार कहे जाने वाले महान खिलाड़ी और गोलकीपर श्रीजेश के साथ अपने रिश्ते के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि “श्रीजेश के साथ मेरा बहुत दोस्ताना रिश्ता है। मैं उन्हें तब से जानती हूं जब मैं छोटी बच्ची था। वो हमेशा बहुत मिलनसार, मददगार और दयालु हैं। उन्होंने क्लोजिंग सेरेमनी को मेरे लिए इसे बहुत आसान बना दिया।”

पेरिस ओलंपिक डबल मेडल विजेता मनु भाकर ने कहा कि “ध्वजवाहक बनना जीवन भर का मौका मथा। मैं आभारी हूं कि मुझे ये मौका मिला और मैं इसे जीवन भर संजो कर रखूंगी। मैंने अपने सभी आयोजनों में कड़ी मेहनत की। कड़ी मेहनत नतीजों में दिखाई देती है। मैं इसकी बहुत उम्मीद कर रही थी। मुझे उम्मीद है कि ये यहीं नहीं रुकेगा और भारतीय ज्यादा मेडल जीतेगा। श्रीजेश के साथ मेरा बहुत दोस्ताना रिश्ता है। मैं उन्हें तब से जानती हूं जब मैं छोटी बच्ची था। वो हमेशा बहुत मिलनसार, मददगार और दयालु हैं। उन्होंने क्लोजिंग सेरेमनी को मेरे लिए इसे बहुत आसान बना दिया। मुझे लगता है कि हम सभी पदक जीतने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। लक्ष्य कड़ी मेहनत करना और भविष्य में इस प्रदर्शन को बेहतर बनाना है, एलए 2028 ओलंपिक में मैं अपना बेस्ट दूंगी और कड़ी मेहनत करूंगा, लेकिन देखते हैं कि चीजें क्या होती हैं। मेरे पास फोकस करने के लिए तीन इवेंट हैं और मैं उन पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखूंगी। उन तीन इवेंट में अपना सबसे अच्छा प्रदर्शन करूंगी।”

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