Chhattisgarh: सावन के महीने में नागपंचमी का अपना ही महत्व होता है, नागपंचमी के दिन लोग गोबर मिट्टी ओर अन्य चीजों के नाग बनाकर उसकी पूजा करते हैं.
मगर छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के सिवनी गांव में बसे आदिवासी सपेरों की बस्ती में नाग पंचमी को विशेष पूजा होती है. यहां जिंदा सांपों को पकड़कर उनकी पूजा की जाती है. उनकी इस विशेस तरह की पूजा देखकर देखकर आप भी हैरत में पड़ जाएंगे.
ये सपेरे अब अपनी बस्ती से 10 किलोमीटर दूर खेतों के बीच झोपड़ी बनाकर कर रहे हैं. इस परंपरा को निभाने के लिए ये सपेरे 6 महीने पहलसे ही घर से दूर रहने लगते हैं और बाहर ही जीवन यापन करते हैं.
फिर 6 माह बाद अपने घर लौट जाते हैं, इस वक्त ये सपेरे तांदुला नहर के पास खुले आसमान में अपना डेरा बसाए हैं और यहीं से जंगल की तरफ जा के सांपों को पकड़ कर लाते हैं.