New Delhi: ओजस आर्ट गैलरी में अनोखी और ऐतिहासिक मानचित्रों की प्रदर्शनी

New Delhi: सीमाओं में बदलाव से लेकर बदलते आकार और शहरों के नाम रखने के तरीके नक्शे से जाहिर करने की कला सदियों पुरानी है। दिल्ली की ओजस आर्ट गैलरी में लगभग 78 ऐसे नक्शे लगाए गए हैं, जिसमें 16वीं सदी के अंत से लेकर 1947 तक भारत को नक्शों के जरिए दिखाया गया है।

‘कार्टोग्राफिक टेल्स: इंडिया थ्रू मैप्स’ शीर्षक वाली प्रदर्शनी में 1600 के से लेकर चार सदियों के मानचित्र शामिल हैं। इन्हें इंग्लैंड, फ्रांस, इटली और अमेरिका के चित्रकारों ने तैयार किए हैं।

प्रदर्शनी के आयोजकों के मुताबिक मानचित्र उन जगहों की पहचान करने के लिए बनाए गए, जो कमीशनिंग एजेंसियों, ज्यादातर ब्रिटिश साम्राज्य के अंदर थीं। दो अलग-अलग मानचित्रकारों ने एक ही समय में बनाए दो अलग-अलग मानचित्रों के एंगल में अंतर भी समझाया, अनोखे और ऐतिहासिक मानचित्रों की प्रदर्शनी 22 सितंबर तक चलेगी।

ओजस आर्ट के डायरेक्टर ने बताया कि “इस प्रदर्शनी में हम भारत की आजादी के 78वें साल में भारत के लगभग 78 मानचित्र प्रस्तुत कर रहे हैं, जहां हम 1600 के दशक के शुरुआती और चार शताब्दियों तक के मानचित्र प्रदर्शित करेंगे। मानचित्र यूरोप के कई मानचित्रकारों ने बनाए हैं और वे मूल रूप से यह भी प्रदर्शित कर रहे हैं कि क्षेत्र कैसे बदल गए, सीमाएं बदल गईं, भूगोल कैसे बदल गया। इन चार सदियों में भारतीय उपमहाद्वीप कैसे बदल गया।”

इसके साथ ही कहा कि “दो अलग-अलग मानचित्रकारों के बनाए गए और दो अलग-अलग एजेंसियों के कमीशन किए गए एक ही इलाके के नक्शे अलग संकेत दे सकते हैं। विशेष रूप से जब दक्षिण को दिखाने की बात आती है, तो आप देखेंगे कि मानचित्र में एक अंतर है कि एक दूसरे के बगल में, आप देखेंगे कि दोनों मानचित्रों में दक्षिण टेपर अलग-अलग हैं।”

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