Kullu: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में मणिकरण घाटी से सटे मलाणा-वन हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट में बादल फटने के बाद 33 लोग फंस गए। इनमें से 29 लोगों को बचा लिया गया, पावर प्रोजेक्ट में फंसे बाकी चार लोगों को बचाने के लिए अभियान जारी है।
कुल्लू के मलाणा में बादल फटने के बाद लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए एनडीआरएफ, होमगार्ड और पुलिस की टीम बनाई गई थी, बादल फटने के बाद मलाणा नाले में बाढ़ की वजह से पावर प्रोजेक्ट की दीवार टूट गई। इससे पावर हाउस के बैराज तक जाने वाला रास्ते को भी नुकसान पहुंचा।
अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि हिमाचल प्रदेश में बादल फटने की अलग-अलग घटनाओं में पांच लोगों की मौत हो गई। 45 से ज्यादा लोग लापता हैं। यहां बारिश से कई घर, पुल और सड़कें बह गए। स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर ने बताया कि कुल्लू के निरमंड, सैंज और मलाडा, मंडी के पधार और शिमला जिले के रामपुर में बादल फटने की घटनाएं हुईं।
मौसम विभाग ने तीन जिलों कांगड़ा, कुल्लू और मंडी में अलग-अलग जगहों पर भारी बारिश, आंधी और बिजली गिरने का “रेड अलर्ट” जारी किया है। डिप्टी कमिश्नर तोरूल एस. रवीश ने बताया कि “मलाणा वन में कल बाढ़ की वजह से और जो डैम का ब्रीच हुआ, उसके बाद वहां पर जो लोग फंसे हुए थे, उनको बचाने के लिए एक एनडीआरएफ, होमगार्ड और हमारी पुलिस की कंबाइन क्यूआरटी गई थी। उनको बाई फुट जाना पड़ा, क्योंकि जो रोड है वो एक प्वाइंट पर अवरुद्ध हो गई है और एक्सेस उस एरिया का बंद है।
इसके साथ ही कहा कि टीम ने बड़े साहस के साथ 29 लोगों को रेस्क्यू कर लिया है, जो वहां पर विभिन्न बिल्डिंगों में मलाणा वन के आसपास फंसे हुए थे। चार लोग हमारे हैं, जो एक अंडरग्राउंड टनल में फंसे हुए हैं, जिनका रेस्क्यू अभी भी चल रहा है। और अगर अभी क्योंकि डे लाइट क्लोज हो रहा है तो नहीं हुआ तो सुबह इनको रेस्क्यू किया जाएगा उसी टीम के द्वारा। ये चार लोग हैं, ये टनल में हैं, वहां पर इनके पास पानी-वगैरह और रुकने वगैरह की अरेंजमेंट है और इनका मोबाइल नेटवर्क चल रहा है, इनसे लगातार हमारी बातचीत हो रही है। और हम लोग लगातार कोशिश कर रहे हैं, हमें पूरी उम्मीद है क्योंकि इनके सामने जो रेस्क्यू टीम है, इनका एक लास्ट माइल ही रह गाय था, तो अगर एंकरिंग हुई तो अभी भी हम उस ऑपरेशन को क्लोज कर लें।”