New Delhi: राजधानी दिल्ली में भारत आम महोत्सव का आयोजन किया गया, फलों के राजा आम के शौकीनों के लिए यह खास मौका होता है। यहां अलग-अलग वैरायटी के आमों की नुमाइश लगती है। बागवानों का कहना है कि इस तरह के आयोजनों के जरिए उन्हें आमों की पुरानी किस्मों को बरकरार रखने और नई किस्में तैयार करने का मौका मिलता है।
बागवान यह भी मानते हैं कि महोत्सव उन्हें बाजार बढ़ाने के लिए बड़ा मंच देता है। उन्हें यहां नए खऱीदार मिलते हैं, महोत्सव का समापन देर रात हुआ। बागवानों का कहना है कि “हम लोगों के पास बाग होता जिसको हम लोग फ्रूट दे रहे हैं। फ्रूट हम लोग मार्केट में बेचते हैं बाकी इसके हम लोग मदर पेड़ बनाकर पौधे तैयार करके दे रहे हैं। किसानों को जागरुक कर रहे हैं जो हमारी पुरानी वैरायटी विलुप्त हो रही हैं उनको नए तरीके से लाकर दे रहे हैं ताकि यह पुरानी वैरायटी विलुप्त ना होने पाए।”
इसके साथ ही कहा कि तो हम लोगों के जो नई-नई हैं मलिका है, आम्रपाली है। यह मलिका है जो हम लोग एक नई टेक्नोलॉजी मतलब आई। उसमें हम लोग बैगिंग करना मतलब चालू किया। जो बैगिंग किया जा रहा है तो आम की इतनी बढ़िया क्वालिटी इतनी अच्ची पड़ रही है, मार्केट वैल्यू भी इसकी बहुत अच्छी आ रही है। यहां से हम लोगों को एक मार्केट मिल जाती है। मार्केट से यह होता है कि यहां से कस्टमर अपनी पसंद का इजहार करते हो और हम लोग कस्टमर को दे लेते हैं तो ये जो हमारी जो आम की वैल्यू बढ़ रही है पहचान बन रही है। कस्टमर तक पहुंच रही है तो ये एग्जीबिशन किसान के लिए अच्छा है। हमारे लिए बहुत अच्छा है।