मोदी सरकार 3.0 के पहले बजट से पूर्व बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने से केंद्र के इनकार को लेकर सियासत गर्म रही। बजट से पहले विशेष राज्य के दर्जे को कर सवाल पर पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा भी- सब कुछ धीरे-धीरे पता चलेगा। नजरें बजट पर टिकी थीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जब बजट भाषण शुरू किया, बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए भंडार खोल दिया जिनके समर्थन से सरकार चल रही है।
निर्मला सीतारमण ने बिहार में नए एयरपोर्ट, मेडिकल कॉलेज और स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने की तमाम घोषणाएं की हैं। उन्होंने बिहार में सिर्फ हाइवे के निर्माण के लिए 26,000 करोड़ रुपए आवंटित करने का एलान किया है। ये नए हाइवे पटना से पूर्णिया, बक्सर से भागलपुर और बोधगया-राजगीर-वैशाली-दरभंगा एक्सप्रेसवे के रूप में होंगे। यही नहीं, आम बजट में बक्सर में गंगा नदी पर दो-लेन वाला एक नया पुल भी बनाए जाने की बात कही गई है। इस तरह से मोदी सरकार ने बिहार में भोजपुर से लेकर मगध और पूर्वांचल से लेकर मिथिलांचल तक के इलाके को साधने की कोशिश की है।
बिहार की तरह चंद्रबाबू नायडू आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने पर जोर नहीं दे रहे थे। उन्हें प्रदेश के विकास के लिए केंद्र से वित्तीय सहायता की अपेक्षा थी और इस साल के बजट में केंद्र सरकार ने उसे पूरा करने की भरपूर कोशिशें की हैं, ऐसा वित्त मंत्री की घोषणाओं से नजर आ रहा है। निर्मला सीतारमण ने आंध्र प्रदेश के विकास के लिए भविष्य में अतिरिक्त रकम के साथ ही 15,000 करोड़ रुपए आंवटित करने की घोषणा की है। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा है कि ‘हमारी सरकार ने आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम में जताई गई प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए ठोस कोशिशें की हैं। इसके साथ ही मोदी सरकार ने टीडीपी की एक और अहम मांग को मंजूर किया है कि राज्य के तीन जिलों को पिछड़ा जिला घोषित किया जाएगा और प्रदेश के आर्थिक विकास के लिए अतिरिक्त रकम और निवेश सुनिश्चित किया जाएगा।