Varanasi: वाराणसी में सावन के पहले सोमवार को लेकर पुलिस प्रशासन ने तैयारी कर ली है, जहां परंपराओं का निर्वाहन की जिम्मेदारी है वहीं दूसरी ओर लाखों भक्तों को बाबा विश्वनाथ का दर्शन पूजन कराना भी चुनौती है। मंदिर और श्रद्धालुओं की राह में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
काशी विश्वनाथ धाम और उसके आसपास के इलाके को चार जोन और 13 सेक्टर में बांटा गया है, मेला क्षेत्र में अधिकारी से सिपाही स्तर के 2500 पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे। इनमें 500 से अधिक महिला पुलिस अफसर और 200 सादे कपड़ों में तैनात रहेंगी। सावन में श्रद्धालुओं की सुरक्षा में एटीएस कमांडो, अर्धसैनिक बल, पीएसी और पुलिस के जवान लगाए जाएंगे। सड़क किनारे 140 सीसी कैमरे अस्थायी रूप से लगाए जा रहे हैं।
सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर चार कंपनी पीएसी और दो कंपनी सीएपीएफ के जवान तैनात रहेंगे। गंगा में एक कंपनी पीएसी बाढ़ राहत दल, एनडीआरएफ और जल पुलिस के जवान तैनात रहेंगे। जेबकतरों, उचक्कों और शोहदों पर नजर रखने के साथ ही कांवड़िया शिविर की निगरानी के लिए मेला क्षेत्र में 200 महिला-पुरुष कर्मी सादे कपड़ों में तैनात किए जाएंगे।
कैमरे और ड्रोन से निगरानी-
प्रयागराज, चंदौली, भदोही, जौनपुर, आजमगढ़ और गाजीपुर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु और कांवड़िया काशी विश्वनाथ धाम आएंगे, पुलिस की टीमें प्रयागराज मार्ग पर विशेष मुस्तैद रहेगी और अतिरिक्त सतर्कता बरतेगी। मोहनसराय इलाके में ड्रोन से निगरानी की जाएगी, ड्रोन की मदद से शहर में भी पुलिस निगरानी करेगी। विश्वनाथ धाम के अंदर श्रद्धालुओं के लिए जिग-जैग बैरिकेडिंग और बाहर सामान्य तरीके से बैरिकेडिंग की गई है।
सावन के पहले सोमवार को रुद्राभिषेक की परंपरा में यादव बंधुओं की संख्या सीमित होगी, परंपरा में 21 यादव बंधुओं को पश्चिमी गेट से गर्भगृह तक लाया जाएगा। गर्भगृह के पश्चिमी गेट से ही उन्हें जलाभिषेक करने की अनुमति दी जाएगी। दर्शन-पूजन व जलाभिषेक को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए 21 लोगों को प्रवेश मिलेगा। लालजी यादव समेत 21 यादव बंधु झंडा और डमरु के साथ सिंहद्वार से प्रवेश करेंगे। कोतवालपुरा ढुंढ़ीराज गणेश के रास्ते से पश्चिमी डी गेट से प्रवेश करेंगे, पश्चिमी गेट से ही गर्भगृह में दर्शन-पूजन व जलाभिषेक कराया जाएगा।