Delhi: गृह मंत्री अमित शाह ने अशांत मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की

Delhi: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा की ताजा घटनाओं की खबरों के बीच मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। सूत्रों ने बताया कि उच्च स्तरीय बैठक में शाह को ट़ॉप सुरक्षा अधिकारियों ने राज्य की मौजूदा स्थिति के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

गृह मंत्री ने मणिपुर की स्थिति का जायजा एक दिन पहले राज्य की राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात के बाद लिया, संभावना जताई जा रही कि उइके ने उन्हें वहां की कानून-व्यवस्था की स्थिति से अवगत कराया।

हाल ही में राजधानी इंफाल और जिरीबाम में ताजा हिंसा की खबरें आई थीं, सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार जिरीबाम जैसे नए इलाकों में हिंसा फैलने से चिंतित है, जो पिछले एक साल में काफी हद तक शांतिपूर्ण रहा है।

उन्होंने बताया कि बैठक के दौरान मणिपुर सरकार के प्रतिनिधियों ने कहा कि जिन इलाकों में ताजा हिंसा की खबरें आई हैं, वहां पर्याप्त बल तैनात किए गए हैं। राज्य सरकार की ओर से मणिपुर सरकार के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह, डीजीपी राजीव सिंह और मुख्य सचिव विनीत जोशी बैठक में शामिल हुए।

हालांकि मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह बैठक में मौजूद नहीं थे, घंटे भर चली बैठक में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, खुफिया ब्यूरो के निदेशक तपन डेका, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, सेना प्रमुख के पद पर मनोनीत लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी और दूसरे वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

तीन मई, 2023 को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़क उठी थी. तब से, जारी हिंसा में कुकी और मैतेई दोनों समुदायों के 220 से अधिक लोग और सुरक्षाकर्मी मारे गए हैं। मणिपुर की आबादी में मैतेई की हिस्सेदारी करीब 53 फीसदी है और वे ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं, आदिवासी, जिनमें नागा और कुकी हैं वे 40 फीसदी हैं और मुख्य रूप से पहाड़ी जिलों में रहते हैं।

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