Chambal: मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के देवरी में मौजूद घड़ियाल केंद्र में 183 घड़ियालों के अंडे से बच्चे निकल आए हैं। इससे वन विभाग के अधिकारी बहुत खुश हैं, अधिकारियों के मुताबिक नेशनल चंबल सेंचुरी में घड़ियालों को बचाने के लिए जारी कोशिशों की वजह से चंबल नदी में इनकी आबादी बढ़ी है।
चंबल नदी में घड़ियाल, कछुआ, डॉल्फिन और मगरमच्छ की कई प्रजातियां हैं, यहां लुप्त हो रही प्रजातियों को बचाने का अभियान चलाया जा रहा है। जिला वन अधिकारी स्वरूप दीक्षित ने बताया कि “चंबल के अलग-अलग घाटों से हर साल 200 अंडे कलेक्ट कर के घड़़ियाल पालन केंद्र पर लाए जाते हैं। उन्हें यहां पर हैच होने के बाद करीबन 1.2 मीटर होने तक रखा जाता है, जो कि उस समय करीबन ढाई, पौने तीन साल का होता है। उसके बाद उन सभी जो शावक हैं उनको प्राकृतिक परिवेश में छोड़ा जाता है। हर साल की तरह इस साल भी हमने 200 अंडे कलेक्ट करके लाए थे, उसमें से 183 अंडे हैच हो चुके हैं और जो 17 अंडे हैं उनकी प्रक्रिया अभी भी शेष है।”
इसके साथ ही कहा कि “200 में से करीबन पांच से सात प्रतिशत मॉटेरनिटी रेट है, जो कि हैच नहीं हो पाते हैं विभिन्न कारण वश और बचे हुए सारे अंडे हैच हो जाते हैं और उनके शावक स्वस्थ बाहर निकलकर आते हैं और अभी अगर हम देखा जाए तो घड़ियालोँ की संख्या प्रतिवर्ष बढ़ रही है और अभी 2500 के आसपास घड़ियालों की संख्या है चंबल नदी में और हमारे निरंतर प्रयास रहेंगे कि ये संख्या और बढ़ाई जाए।”