Delhi: लेफ्ट छात्र संघों से जुडे सदस्यों ने ‘नीट’ परीक्षा में कथित अनियमितताओं की जांच की मांग को लेकर सोमवार को दिल्ली में शिक्षा मंत्रालय के पास प्रदर्शन किया। राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) ने शनिवार को कहा कि शिक्षा मंत्रालय ने परीक्षा में 1,500 से ज्यादा उम्मीदवारों को दिए गए ग्रेस अंकों की समीक्षा के लिए चार सदस्यीय पैनल का गठन किया है।
यह कदम एनईईटी-यूजी मेडिकल प्रवेश परीक्षा में अंकों की बढ़ोतरी के आरोपों के बीच आया, जिसकी वजह से 67 उम्मीदवारों को पहली रैंक मिली है। प्रदर्शनकारी छात्राओं ने कहा कि “एनटीए इतना घटिया बहाना देती है कहती है कि हमने ग्रेस नंबर दिए हैं, यह मेडिकल का एग्जाम है यहां पर आप किस चीज के ग्रेस मार्क्स दे रहे हैं? आप ग्रेस मार्क्स नहीं दे रहे हैं आप यहां पर अपनी जो काली करतूतें हैं उसके ऊपर लीपापोती करने चाहते हैं इसलिए आप छात्रों से कह रहे हैं अपना मुंह बंद रखिए।
एक बात बता दें इस देश में केवल 700 मेडिकल कॉलेज हैं और केवल एक लाख मेडिकल सीटें हैं और इस साल की बात कर ले तो 24 लाख से ऊपर छात्र बैठते हैं वो एग्जाम देने के लिए। कितनी मेहनत करके घर वाले बच्चों को पढ़ाते हैं कि वो किसी तरह से मेडिकल के एग्जाम तक पहुंच पाए। हमारे देश में 12वीं तक पढ़ पाना मुश्किल है उसके बाद किन किन हालातों में छात्र एग्जाम तक पहुंचता है उसके बाद ये पता चलता है कि पेपर लीक हो गया है। हमारी डिमांड है कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच बिठाई जाए, इसके अलावा जो विद्यार्थी डिमांड कर रहे हैं दोबारा से नीट का एग्जाम कंडक्ट कराया जाए। उसके अलावा एनटीए सभी जिम्मेदार अधिकारियों को निलंबित किया जाना चाहिए।”