Bihar: केंद्र में सरकार बनाने के लिए बीजेपी का भरोसा जेडीयू समेत अपने सहयोगियों पर है, ऐसे में जेडीयू बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की पुरानी मांग फिर उठा रहा है, बिहार कैबिनेट ने पिछले साल प्रस्ताव पास कर केंद्र से राज्य को एससीएस का दर्जा देने की अपील की थी।
उस समय केंद्र ने कहा था कि वो किसी भी राज्य को “विशेष राज्य का दर्जा” देने की मांग पर विचार नहीं करेगा, क्योंकि 14वें वित्त आयोग ने इसे खत्म करने की सिफारिश की है। एससीएस की शुरुआत 1969 में पहाड़ी इलाकों, रणनीतिक अंतरराष्ट्रीय सीमाओं और आर्थिक और ढांचागत तौर पर पिछड़े राज्यों के फायदे के लिए की गई थी।
एनडीए में 12 सांसदों वाली जेडीयू 16 सांसदों वाले टीडीपी के बाद बीजेपी की दूसरी सबसे बड़ी सहयोगी है। केंद्र में सरकार बनाने के लिए बीजेपी के लिए जडीयू और टीडीपी जैसे सहयोगियों का समर्थन जरूरी है।
बिहार मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि “जेडीयू, एनडीए का हिस्सा है और उसके साथ रहेगा। लेकिन जदयू की कुछ मांगें हैं।” बिहार की वित्तीय स्थिति और अर्थव्यवस्था को केंद्र द्वारा पूरा किया जाना चाहिए। बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा की हमारी मांग पूरी तरह से उचित है और हम बिहार के लिए एससीएस की अपनी मांग पर कायम हैं।”
उन्होंने कहा कि “बिहार सरकार 2011-12 से राज्य के लिए एससीएस की मांग कर रही है। इससे पहले इस बारे में एक प्रस्ताव पास किया गया था।” नीति आयोग ने पहले माना था कि बिहार ने पिछले दशक में कई क्षेत्रों में ‘जबरदस्त प्रगति’ की है, लेकिन अतीत में इसकी कमजोर बुनियाद की वजह से दूसरों राज्यों के बराबर पहुंचने में कुछ और समय लग सकता है।