Politics: लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी भाजपा के प्रत्याशियों के लिए एक-एक दिन में आधा दर्जन जनसभाओं में शामिल होने के बाद भी मुख्यमंत्री और गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ की दिनचर्या और जनता से अनौपचारिक जुड़ाव की उनकी कार्यशैली में कोई बदलाव नहीं आया है।
गोरखनाथ मंदिर प्रवास के दौरान उनकी प्रातःकाल की दिनचर्या में प्रभु और गुरुजन के प्रति आस्था निवेदन के साथ ही गोसेवा अभिन्न हिस्सा है, वह मंदिर परिसर में आए श्रद्धालुओं से कुशलक्षेम पूछना नहीं भूलते हैं, तो परिसर में परिजनों संग आए बच्चों को पास बुलाकर दुलारना और आशीर्वाद देना उन्हें आत्मीय संतोष देता है। गोरखनाथ मंदिर परिसर में यह सारे दृश्य एक-एक करके नजर आए, मंदिर में श्रद्धालुओं के एक बड़े समूह को देखकर जैसे ही सीएम ने उनसे पूछा, कहां से आए हैं, यहां कोई परेशानी तो नहीं हो रही, सभी लोग मुख्यमंत्री के अपनेपन के भाव से विभोर होकर जयकारे लगाने लगे।
लोकसभा चुनाव प्रचार के कई कार्यक्रमों में सम्मिलित होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर पहुंचे थे, मंदिर परिसर स्थित अपने आवास में रात्र विश्राम करने के बाद रविवार सुबह उनकी दिनचर्या परंपरागत रही। महायोगी गुरु गोरखनाथ का दर्शन पूजन करने के बाद उन्होंने अपने ब्रह्मलीन गुरुदेव महंत अवेद्यनाथ की समाधि पर जाकर मत्था टेका और उनका आशीर्वाद लिया और हर बार की तरह वह मंदिर परिसर के भ्रमण पर निकले। इस दौरान परिसर में उनकी नजर बड़ी संख्या में आए श्रद्धालुओं पर गई तो वह उनके पास पहुंच गए, गुरु गोरखनाथ का दर्शन पूजन करने आए इन श्रद्धालुओं में कुछ स्थानीय थे तो बहुत से लोग गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार और छतीसगढ़ से आए थे।
मुख्यमंत्री योगी ने आत्मीयता से सभी से यह जानने के साथ कि वे कहां से आए हैं, उनका कुशलक्षेम भी पूछा। मुख्यमंत्री के अपनत्व के इस अंदाज से श्रद्धालुओं में उत्साह बढ़ गया और सभी जय श्रीराम, भारत माता की जय, गुरु गोरखनाथ जी महाराज की जय और योगी आदित्यनाथ जी महाराज की जय के नारे लगाने लगे। इन श्रद्धालुओं के साथ उनके बच्चे भी महायोगी गोरखनाथ का दर्शन करने आए थे, मुख्यमंत्री योगी ने बच्चों को अपने पास बुला लिया, सबके माथे पर हाथ फेरकर प्यार-दुलार और आशीर्वाद देने लगे। उन्होंने बच्चों से उनका नाम, उनकी पढ़ाई के बारे में पूछा, खूब हंसी ठिठोली की और सभी को चॉकलेट देकर विदा किया।