Ayodhya: अयोध्या में श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा अगले साल 22 जनवरी को होनी है, इसके बाद मंदिर में श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे।ऐसे में मंदिर प्रशासन ये सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है कि जब श्रद्धालु दर्शन के लिए आएं तो उन्हें दिव्यता का अनूठा अहसास हो।
श्रद्धालुओं के लिए हर जरूरी इंतजाम किए जा रहे हैं। इस बात का ध्यान रखा जा रहा है कि कहीं कोई कमी न रह जाए। मंदिर परिसर का 70 प्रतिशत हिस्सा हरा-भरा होगा। यहां अलग-अलग तरह के पेड़ लगाए जा रहे हैं।
श्रीराम मंदिर परिसर का अपना वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट और सीवेज प्लांट होगा। साथ ही परिसर में बिजली सप्लाई के मामले में भी वो आत्मनिर्भर होगा। पूर्व मुखी 380 फीट लंबा और 250 फीट चौड़ा श्रीराम मंदिर पारंपरिक नागर शैली में बनाया गया है।
मंदिर का प्राण-प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी को दोपहर करीब साढ़े बारह बजे होगा. राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का कहना है कि “70 एकड में अधिक से अधिक 25 परसेंट कंस्ट्रक्शन होगा। अगर 30 परसेंट भी होगा तो 20 एकड़ मे कंक्रीट या पत्थर की बिल्डिंग होगी और 50 एकड़ जमीन में केवल हरियाली होगी। ये पहली इम्पोर्टेन्ट बात है ये सब हरियाली दिख रही है आपको।कंस्ट्रक्शन कंस्ट्रक्शन टू 30 परसेंट। ये देखो बहुत चौड़ा है। ये 14 फीट चौड़ा है। 14 फी़ट कोई दीवार नहीं होती है। शायद ये कमरा 14 फीट है। ये इसकी विशेषता है और चारों दिशाओ में इसकी लम्बाई 8 हंड्रेड मीटर 732 मीटर इसी को मैं राउंड फिगर बोल रहा हूं याद रखने में आसानी होता है। 8 हंड्रेड मीटर ये भी डबल स्टोरी है। नीचे का जो लेवल होगा उस में सीसीटीवी कैमरा या दूसरा कोई काम या पूजा की समग्री इस तरह से होगी।”