Business: इस सीजन में हो रही बंपर शादियों की वजह से आभूषण, कपड़े, फर्नीचर, जूते सहित अलग-अलग व्यवसायों से जुड़े लोगों को अच्छा कारोबार होने की उम्मीद है। सामानों के अलावा शादी के खर्च का एक बड़ा हिस्सा दूसरी अलग अलग सेवाओं में भी जाता है, जो रोजगार को बढ़ावा देने में बड़ा योगदान देते है।
सीएआईटी के अनुसार, पिछले साल लगभग 32 लाख शादियां हुईं और कुल खर्च 3.75 लाख करोड़ रुपये था, अगला शादी का सीज़न अगले साल जनवरी के मध्य में शुरू होने वाला है जो कि जुलाई तक जारी रहेगा। हालांकि कुछ मैरिज हॉल के मालिक और बैंड बाजे वाले परेशान हैं क्योंकि इस शादियों के इस सीजन में शुभ माने जाने वाले दिनों की संख्या कम है।
व्यापारियों के एक संगठन के मुताबिक, भारत में 23 नवंबर से 15 दिसंबर तक मौजूदा शादी के सीजन में करीब 38 लाख शादियां होने की संभावना है। 23 नवंबर को देवउठनी एकादशी के साथ शादी का सीजन शुरू हो गया है और कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स यानि सीएआईटी का अनुमान है कि इस शादी के सीजन में करीब 4 लाख 74 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे।
मैरिज हॉल मालिकों के कहना है कि “शादीयों का सीजन कल से देवउठनी एकादशी के साथ शुरूआत हुआ है। चार दिन नवंबर में तीन-चार दिन दिसंबर में काम है। बहुत कम शुभ तिथियां हैं; खर्चा भी नहीं निकल रहा। तीन साल से कोरोना से मरे पड़े हैं। पहले ही काम धंधा कुछ है नहीं, आठ दिन में लोगों को लगता है बहुत काम है काम कुछ है नहीं”
सीएआईटी के महासचिव ने बताया कि “23 नवंबर से वेंडिग सीजन शुरू हो रहा है। जो 15 दिसंबर तक जाएगा और कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के एक सर्वे के अनुसार पूरे देश में लगभग 38 लाख शादियां होंगी जिसमें लगभग चार लाख 74 हजार करोड़ का कारोबार होगा।”