Jammu-Kashmir: कश्मीर घाटी के अपने घरों से मीलों दूर रह रहे प्रवासी कश्मीरी नागरिक, जम्मू में अपना मतदाता फोटो पहचान पत्र यानी ईपीआईसी ले रहे हैं। इसके लिए सरकार के राहत और पुनर्वास संगठन की तरफ से प्रवासियों के लिए स्थापित विशेष शिविरों में सैकड़ों कश्मीरी पंडित अपना मतदाता पहचान पत्र लेन के लिए शामिल हुए।
जम्मू समेत देश के दूसरे हिस्सों में विस्थापित हो चुके कश्मीरी पंडितों के तमाम संगठन लंबे समय से उनके लिए ईपीआईसी जारी करने की मांग कर रहे थे। इससे पहले मतदाता पहचान पत्र छपाई के बाद वोटरों को बांटने के लिए ब्लॉक स्तर के स्थानीय अधिकारियों को सौंप दिए जाते थे। ऐसे में जम्मू और देश के दूसरे हिस्सों में रह रहे कश्मीरी पंडितों के लिए अपना ईपीआईसी हासिल करना बेहद चुनौतीपूर्ण था।
प्रवासी कश्मीरी पंडितों का कहना है कि इस पहल ने प्रक्रिया को सरल बना दिया है। इससे चुनाव प्रक्रिया में उनकी हिस्सेदारी सुनिश्चित होगी। ईपीआईसी वितरण की ये सुविधा उन कश्मीरियों के लिए है जो कश्मीर संभाग के 47 विधानसभा क्षेत्रों से पलायन कर चुके हैं, लेकिन अपने मूल निवास पर मतदान के लिए रजिस्टर्ड हैं।
प्रवासी कश्मीरी पंडितों का कहना है कि “यह रिलीफ डिपार्टमेंट सिन्हा साहब ने अच्छा प्रोग्राम रखा था हर जगह हर कैंम्पों में लगते हैं। पाच-पाच दिन छ-छ दिन दिन देते हैं तो उन्होंने सिस्टम वाइज तरीके से रखते थे कार्ड। अब लोग आते हैं वो नहीं देखते हैं दाएं बाएं मतलब मैंने अपने गांव के कम से कम 30-35 कार्ड उठायें और उनको डिस्ट्रीब्यूटर किया, लिस्ट दे दिया इनको। तो ये सिन्हा साहब की बहुत मेहरबानी है ठीक चल रहा है, फर्स्ट क्लास चल रहा है।”
तहसील राहत संगठन की तरफ से बताया गया कि “आज हमने यहां एपिक डिस्ट्रीब्यूट कैंप लगाया है यहां हम जो माइग्रेट के एपिक है उनको डिस्ट्रीब्यूट कर रहे है। लगभग हमारे पास 10 थाउजेंड यहां इलेक्शन कार्ड्स आए थे और तीन दिन के कैंप में हमने फोर थाउजेंड से ज्यादा कार्ड डिस्ट्रीब्यूट कर दिया है। अभी तीन दिन तक और ये कैम्प रहेगा। 21 से 25 तक डेट थी इसकी। 25 तक ये यही रहेगा। दो दिन हमने ऊपर बूटानगर कैंप में लगी जहां पर हमने 3500 तक कार्ड डिस्ट्रीब्यूट किए।”