Uttar Pradesh: धार्मिक दायरों को तोड़ते हुए उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के लाल गोपालगंज शहर में मुस्लिम परिवार पीढ़ियों से चुनरी और कलावा बना रहे हैं, जिसे नवरात्रि के दौरान देवी दुर्गा को चढ़ाए जाता है। यहां बनी चुनरी और कलावा का विशेष महत्व है क्योंकि इन्हें मां विंध्यवासिनी, मैहर देवी, ज्वाला देवी, कामाख्या धाम, वैष्णो देवी के साथ-साथ देश भर के शक्तिपीठों पर बहुत श्रद्धा और विश्वास के साथ चढ़ाया जाता है।
लाल गोपालगंज के निवासियों का कहना है कि “रमजान का महीना जब आता है तो हम लोग बढ़चढ़ कर काम करते हैं और जिसमें चैत्र का मेला या नवरात्रि आती है. तो उसमें काम होता है ज्यादा और हम लोग बहुत अच्छा से काम करते हैं कोई गुरेज नहीं है, नवरात्रि का त्योहार आता है तो हम बहुत अच्छे से काम करते हैं, यह कारोबार तीन दर्जन से ज्यागा इलाकों की आमदनी का जरिया है, यहां के ज्यादातर कारीगर कई पीढ़ियों से इस कारोबार में शामिल हैं।
इसके साथ ही लोगों ने बताया कि “यह हमारे दादा परदादा के जमाने से हो रहा है पुश्तैनी दो तीन पीढ़ी बीत चुकी है ये चौथी पीढ़ी चल रही है हमारी, हम लोग मुसलमान हैं ऐसी कोई बात नहीं हुई है कि आपस में कोई मनमुटाव हो। हम लोगों को कोई दिक्कत नहीं है।
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उनका कहना है कि यह कारोबार बहुत ही पुराना है यहां तक मुगल का जब शासन हुआ करता था भारत में, तब भी जो ये रंगरेज बिरादरी थी मुस्लिम में, तब भी जो हैं ये बड़ी शिद्दत से चुंदरी कलावा का काम करती आई है। फिर राजा महाराजाओं का दौर था या अंग्रेजों का दौर था लेकिन ये कार्य कभी बंद नहीं हुआ।”