Nano Urea: गाजियाबाद मोदीनगर किसानों को नैनो यूरिया के फायदे बताने के लिए कार्यशाला का आयोजन

Nano Urea: मोदीनगर में किसानों को मिट्टी के बचाव और अधिक उपज लेने के लिए नैनो यूरिया के फायदे बताने के लिए कार्यशाला संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में इफको के संयुक्त आयुक्त निबंधक मेरठ मंडल संजीव कुमार ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि हमें अपनी मिट्टी को बचाने वह अधिक फसल लेने के लिए नैनो यूरिया का प्रयोग शुरू करना होगा।

उन्होंने कहा कि नैनो यूरिया सस्ता, अधिक कारगर और पर्यावरण के अनुकूल है। उन्होंने कहा कि नैनो यूरिया नैनो तकनीक पर आधारित एक अनोखा उर्वरक है जो विश्व में पहली बार इफको द्वारा विकसित किया गया है और भारत सरकार द्वारा अनुमोदित है। संजीव कुमार ने बताया कि फसल की कांतिक व स्थानों पर नैनो यूरिया का पत्तियों पर छिड़काव करने से नाइट्रोजन की सफलतापूर्वक आपूर्ति हो जाती है। जिससे उत्पादन और उत्पाद की गुणवत्ता में वृद्धि के साथ-साथ पर्यावरण भी सुरक्षित रहता है।

Nano Urea: Nano Urea

संगोष्ठी के संयोजक का कहना है कि हमें अपनी मिट्टी को सुरक्षित करने की आवश्यकता है, क्योंकि अधिक यूरिया व पेस्टिसाइड के उपयोग से हमारे खेतों की मिट्टी की उर्वरक क्षमता बेहद निम्न स्तर पर पहुंचे चुकी है। उन्होंने कहा कि हमें अपने खेतों की मिट्टी को सुरक्षित, अधिक फसल और उत्पाद की गुणवत्ता में वृद्धि करने के लिए भारत सरकार द्वारा अनुमोदित इफको नैनो यूरिया का अधिक से अधिक प्रयोग अमल में लाना होगा।

Nano Urea: उन्होंने कहा कि यह यूरिया की तुलना में सस्ता व प्रभावी उत्पाद है, साथ ही नैनो यूरिया की एक बोतल एक बोरी यूरिया के बराबर है। जिसके चलते खर्चा भी बेहद कम हो जाता है और किसानों का लाभ बढ़ जाता है।

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