नमिता बिष्ट
आज विश्व निमोनिया दिवस है। इस दिन दुनिया भर में लोगों को निमोनिया रोग के लक्षणों, रोकथाम और उपचार के बारे में जागरूक करने के लिए यह दिवस मनाया जाता है। वैसे तो निमोनिया की समस्या छोटे बच्चों में ज्यादा देखने को मिलती है। लेकिन ये किसी भी उम्र में हो सकती है। तो चलिए जानते हैं विश्व निमोनिया दिवस के बारे में
विश्व निमोनिया दिवस का इतिहास
विश्व निमोनिया दिवस की शुरुआत 2009 से हुई थी। यह दिन पहली बार 12 नवंबर 2009 को ग्लोबल कोएलिशन अगेंस्ट चाइल्ड न्यूमोनिया द्वारा मनाया गया था। तब से हर साल यह दिन एक नई थीम के साथ सेलिब्रेट किया जा रहा है। इस दिन तरह-तरह के कार्यक्रमों का आयोजन कर लोगों को इस बीमारी के बारे में जागरूक करने का प्रयास किया जाता है।
विश्व निमोनिया दिवस का उद्देश्य
विश्व निमोनिया दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों में इस बीमारी के प्रति जागरुकता पैदा करना है। कि ये बीमारी किन वजहों से होती है, क्या इलाज है इन सबसे लोगों को वाकिफ कराना। जिससे लोग इसके लक्षणों की पहचान कर समय से इलाज करवा सके।
क्या है निमोनिया?
निमोनिया सांस से जुड़ी एक गंभीर समस्या है, जिसमें फेफड़ों में इंफेक्शन हो जाता है। निमोनिया होने पर लंग्स में सूजन आ जाती है और कई बार पानी भी भर जाता है। निमोनिया वायरस, बैक्टीरिया और कवक सहित कई संक्रामक एजेंट्स की वजह से होता है।
निमोनिया होने के लक्षण
निमोनिया की शुरुआत आमतौर पर सर्दी, जुकाम से होती है। जब फेफड़ों में संक्रमण तेजी से बढ़ने लगता है, तो तेज बुखार के साथ सांस लेने में तकलीफ होती है। सीने में दर्द की शिकायत होने लगती है। पांच साल से कम उम्र के बच्चों को बुखार नहीं आता, लेकिन खांसी और सांस लेने में बहुत दिक्कत हो सकती है। हालांकि समय रहते इलाज मिल जाने पर मरीज ठीक भी हो सकता है।
2022 की थीम?
इस साल विश्व निमोनिया दिवस की थीम “निमोनिया अफ्फेक्ट्स एवरीवन” है यानी निमोनिया सभी को प्रभावित करता है, ताकि वैश्विक रूप से इसपर जागरूकता बढ़ाई जा सके।
ये हैं विश्व निमोनिया दिवस के मुख्य कारण
- विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार निमोनिया के संक्रमण की वजह से दुनिया भर में सबसे अधिक बच्चों की मौत होती है। जिसके मुख्य तथ्य इस प्रकार है………..
- विश्व में निमोनिया पांच साल से कम आयु वर्ग के बच्चों की मृत्यु का प्रमुख कारण है।
- निमोनिया से साल 2015 में 5 साल से कम आयु वर्ग के 920136 बच्चों की मृत्यु हुई, जो कि पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु का 16% है।
- निमोनिया को आसानी से रोका जा सकता है और बच्चों में होने वाली मृत्यु का इलाज भी पॉसिबल है, फिर भी हर 20 सेकंड में संक्रमण से एक बच्चा मर जाता है।
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