नमिता बिष्ट
उत्तरकाशी। गंगोत्री धाम में रक्तवन ग्लेशियर क्षेत्र में नए पादपों व औषधीय पादपों की खोज के लिए नेहरू पर्वतारोहण संस्थान, आईएमएफ और पतंजलि आयुर्वेद का संयुक्त दल अभियान चलाने जा रहा है। कल गंगोत्री से सीएम पुष्कर सिंह धामी दल के सदस्यों को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि उत्तराखंड ऋषि-मुनि और देवताओं की भूमि है। यहां देवत्व की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है। हमारी संस्कृति प्रकृति पर निर्भर है। संस्कृति व प्रकृति के संरक्षण के लिए पतंजलि प्रयासरत है। बालकृष्ण ने कहा कि पतंजलि, नेहरू पर्वतारोहण संस्थान और भारतीय पर्वतारोहण संस्थान के साथ मिलकर गंगोत्री के रक्तवन ग्लेशियर क्षेत्र में एक अभियान चला रहा है। इस दौरान इस क्षेत्र में नए पादपों की खोज के साथ ही नए औषधीय पादपों व साहसिक खेलों के लिए नए स्थल भी खोजे जाएंगे। निम के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट कहते हैं कि वर्ष 1981 में भारत-फ्रांस का एक संयुक्त दल प्रसिद्ध पर्वतारोही हरीश कपाड़िया के नेतृत्व में रक्तवन क्षेत्र में आरोहण के लिए गया। जहां उस टीम ने चतुर्भुजी, मैत्री, कालीढांग, नार्थ कौल चोटियों की खोज की।