Jharkhand: बेटियों को शिक्षित करने की सोच के साथ साल 2004 में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय योजना की शुरुआत हुई। इसमें वंचित वर्ग की बच्चियों को 6वीं से 12वीं तक मुफ्त शिक्षा, आवास, भोजन, किताबें और यूनिफॉर्म दी जाती है। बेटियों को सशक्त बनाने की इस योजना को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन लगातार आगे बढ़ा रहे हैं। प्रदेश में आज 203 विद्यालय संचालित हो रहे हैं। वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में सरकार ने शिक्षा के लिए ₹18000 करोड़ से ज्यादा का आवंटन किया,जिसमें सर्व शिक्षा अभियान के लिए ₹2000 करोड़ का प्रावधान किया गया।
इस योजना का मकसद ग़रीब और वंचित परिवारों की बेटियों को अच्छी शिक्षा देना है। इसमें 75 प्रतिशत सीट SC,ST,OBC और अल्पसंख्यक वर्ग के लिए, जबकि 25 प्रतिशत सीटें ग़रीब लड़कियों के लिए आरक्षित हैं। अकेले रांची जिले में 13 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय संचालित हो रहे हैं। जहां 438 छात्राएं कक्षा 6 से लेकर 12वीं तक साइंस और कॉमर्स की पढ़ाई कर रही हैं। पढ़ाई के साथ-साथ छात्राओं को पेंटिंग, डांस, कराटे, बैंड, पीटी और खेल की भी शिक्षा दी जा रही है, ताकि उनका सर्वांगीण विकास हो सके।
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय न सिर्फ शिक्षा का एक केंद्र है, बल्कि यह आशा और आत्मनिर्भरता का प्रतीक बन चुका है। सरकार की इस पहल ने समाज की चुनौतियों को पार करते हुए इन बेटियों को आत्मविश्वास और अपने सपनों को साकार करने की ताकत दी है।