World Bank: सिंधु जल संधि में मध्यस्थ से आगे भूमिका नहीं – अजय बंगा

World Bank: देश के आजादी के वक्त भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा रेखा सिंधु बेसिन से होकर गुजरती थी, जिससे भारत ऊपरी तटवर्ती राज्य और पाकिस्तान निचला तटवर्ती राज्य बन जाता था। मौजूदा विश्व बैंक के प्रमुख अजय बग्गा भारत के दौरे पर हैं, जहां उन्होंने 9 मई को राज्य की राजधानी लखनऊ में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। बग्गा कई बैठकों और कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए लखनऊ के एक दिवसीय दौरे पर हैं।

सिंधु नदी प्रणाली में मुख्य नदी, सिंधु और उसकी सहायक नदियां शामिल हैं। रावी, ब्यास, सतलुज, झेलम और चिनाब इसकी बायीं तट की सहायक नदियां हैं, जबकि काबुल नदी भारतीय क्षेत्र से होकर नहीं बहती है। रावी, ब्यास और सतलुज को सामूहिक रूप से पूर्वी नदियाँ कहा जाता है, जबकि सिंधु, झेलम और चिनाब को पश्चिमी नदियाँ कहा जाता है। इन नदियों का पानी भारत और पाकिस्तान दोनों के लिए जरूरी है।

PIB ने विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा के हवाले से एक्स पर पोस्ट में कहा, “हमारी भूमिका मध्यस्थ के अलावा और कोई नहीं है। मीडिया में इस बारे में बहुत अटकलें लगाई जा रही हैं कि विश्व बैंक कैसे आगे आएगा और समस्या का समाधान करेगा, लेकिन ये सब बकवास है। विश्व बैंक की भूमिका केवल मध्यस्थ की है।” विश्व बैंक द्वारा मध्यस्थता की गई सिंधु जल संधि ने 1960 से भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के बंटवारे और उपयोग को कंट्रोल किया है।

विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा ने कहा है कि सिंधु, झेलम और चिनाब के जल बंटवारे के लिए 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सिंधु जल संधि में विश्व बैंक की भूमिका मध्यस्थ के अलावा और कुछ नहीं है। भारत ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले में 26 पर्यटकों की हत्या के मद्देनजर दशकों पुरानी सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है।

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