Haridwar: बैसाखी और कृत्रिम पैर की मदद से चलने वाले मुकेश ठाकुर उन लाखों श्रद्धालुओं में से एक हैं, जो सालाना कांवड़ यात्रा पर जाते हैं। दिल्ली के रहने वाले मुकेश ठाकुर हर साल कांवड़ यात्रा में जाते हैं।
एक सड़क दुर्घटना में उनका दाहिना पैर काटना पड़ा था बावजूद उसके मुकेश अपनी आस्था और परंपरा को कायम रखते हुए हर साल की तरह इस साल भी कांवड़ यात्रा में हिस्सा ले रहे है
उन्होंने इस बार की कांवड़ यात्रा को पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए 26 पीड़ितों को समर्पित किया है, यह हमला बीते अप्रैल महीने में हुआ था।
मुकेश कहते हैं कि शारीरिक चुनौतियां भी उन्हें कांवड़ यात्रा से नहीं रोक पाईं, मुकेश अपने साहस के बल पर इसी तरह माता वैष्णो देवी मंदिर और राजस्थान के सीकर में खाटू श्याम बाबा का भी पैदल जाकर दर्शन कर चुके हैं।
सालाना कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालु पावन गंगा से जल लेकर अपने घर के नजदीक भगवान शिव के मंदिर में जाकर उनको चढ़ाते हैं।
दिव्यांग कांवड़िया मुकेश ठाकुर ने बताया कि “मेरे साथ एक दुर्घटना हो गई थी, मैं एक ऑटो में सफर कर रहा था, दूसरे बाइक वाले ने साइड मारी स्पीड में तो ड्रिंक कर रखी थी ऑटो वाले ने या कैसे भी दुर्घटना हो गई। बाकी उसके बाद इंफेक्शन के कारण दो बार पैर कट गया मेरा। पहलगाम में जो दुर्घटना हुई थी उनके लिए मैं अर्पित करना चाहता हूं ये कांवड़। इससे पहले मेरी टांगे थी सही सलामत, मैं 10 साल ला चुका हूं पैदल-पैदल। इस साल मेरी टांगे नहीं है, तो भोले बाबा ने हिम्मत दी कि कांवड़ उठा ले, बाकी भोले बाबा देखेंगे।”
“मैं इस नकली पैर से वैष्णो देवी दो बार पैदल जा चुका हूं। खाटू श्याम बाबा, रिंगस से 22 किलोमीटर पड़ता है, वो भी पैदल-पैदल गया था, बाबा भोलेनाथ की कृपा की, खाटू श्याम बाबा की कृपा से।”