Pariksha Pe Charcha: छात्रों को भारत के भविष्य का आकार देने वाला बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम उनके लिए भी एक परीक्षा की तरह है। दिल्ली के प्रगति मैदान के नवनिर्मित भारत मंडपम के टाउन हॉल में प्रधानमंत्री ने ‘परीक्षा पे चर्चा’ के सातवें संस्करण में स्कूली छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों से संवाद करते हुए कहा कि छात्र पहले से कहीं अधिक जागरूक हो गए हैं।
मोदी ने कहा कि ‘‘हमारे छात्र हमारे भविष्य को आकार देंगे।’’ शिक्षा मंत्रालय के आयोजित ‘परीक्षा पे चर्चा’ में पिछले छह सालों से छात्र, अभिभावक और शिक्षक शामिल होते रहे हैं। कोरोना महामारी के कारण चौथा संस्करण ऑनलाइन आयोजित किया गया था जबकि पांचवां और छठा संस्करण टाउन-हॉल फॉर्मेट में संपन्न हुआ था। पिछले वर्ष के संस्करण में कुल 31.24 लाख छात्रों, 5.60 लाख शिक्षकों और 1.95 लाख अभिभावकों ने भाग लिया था।
इस साल ‘माइ गोव पोर्टल’ पर करीब 2.26 करोड़ पंजीकरण हुए हैं जो छात्रों के बीच इस कार्यक्रम को लेकर व्यापक उत्साह को दर्शाता है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि “आप उस स्थान पर आए हैं जहां भारत मंडपम के प्रारंभ में दुनिया के बडे बडे दिग्गत नेताओं ने बैठकर दो दिनों तक विश्व के भविष्य की चर्चा की थी। आज आप उस जगह पर हैं। आप भारत के भविष्ट की चर्चा अपनी ‘परीक्षा की चिंता के साथ करने वाले हैं। साथ ही ये कार्यक्रम परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम मेरी भी परीक्षा होता है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छात्रों को मंत्र देते हुए कहा कि “हमारे सभी विद्यार्थी साथियों ने कुछ ने कुछ इनोवेशन किया। अलग अलग आकार की आकृतियां बनाई हैं। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को आकृतियों में ढालने का प्रयास किया है। जल थल और नभ और स्पेश और एआई सभी क्षेत्रों में देश की भावी पीढी क्या सोचती हैं। उसके पास कैसे सुझाव हैं सारी चीेजें देखने का मुझे मौका मिला। ऐसा लगा कि अगर मेरे पास पांच छह घंटे होते तो वो कभी कम पड जाते, क्योंकि सबने एक से बढकर एक प्रस्तुति की।”
उन्होंने कहा कि “आप उस स्थान पर आए हैं जहां भारत मंडपम के प्रारंभ में दुनिया के बडे बडे दिग्गत नेताओं ने बैठकर दो दिनों तक विश्व के भविष्य की चर्चा की थी। आज आप उस जगह पर हैं। आप भारत के भविष्ट की चर्चा अपनी ‘परीक्षा की चिंता के साथ करने वाले हैं। साथ ही ये कार्यक्रम परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम मेरी भी परीक्षा होता है।”