New Delhi: रफह में मारे गए भारतीय सेना के पूर्व अधिकारी कर्नल वैभव अनिल काले का पार्थिव शरीर भारत पहुंच गया, विदेश मंत्रालय ने बताया कि गाजा में संयुक्त राष्ट्र के साथ काम कर रहे काले कुछ दिन पहले रफह एरिया में हुए हमले में मारे गए थे। भारतीय सेना से 2022 में समय से पहले रिटायर हुए 46 वर्षीय काले दो महीने पहले संयुक्त राष्ट्र के डीएसएस (सुरक्षा और संरक्षा विभाग) में सिक्योरिटी कोऑर्डिनेशन ऑफिसर के तौर पर शामिल हुए थे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने यहां अपने वीकली प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक सवाल के जवाब में कहा, “आज तेल अवीव में भारतीय मिशन संयुक्त राष्ट्र अधिकारियों के सहयोग से पार्थिव शरीर को भेजने संबंधी काम करने में सक्षम रहा। कर्नल (रिटायर) काले का पार्थिव शरीर आज भारत पहुंच गया जिससे कि परिवार संबंधित रस्में कर सके।”
जायसवाल ने कहा कि विदेश मंत्रालय पहले ही उनके निधन पर “हमारी गहरी संवेदना” जता चुका है। उन्होंने कहा, “जहां तक जांच का सवाल है, आपने संयुक्त राष्ट्र महासचिव के ऑफिस का बयान देखा होगा कि उन्होंने एक फैक्ट फाइडिंग कमेटी का गठन किया है। जहां तक हमारा सवाल है, हम संबंधित लोगों के संपर्क में भी बने हुए हैं।”
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता से ये भी पूछा गया कि गाजा में कितने भारतीय हैं जो संयुक्त राष्ट्र के साथ काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “हम रिपोर्ट के आधार पर मानते हैं कि गाजा में लगभग 70 संयुक्त राष्ट्र कर्मी काम कर रहे हैं। इनमें से कितने भारतीय हैं, मुझे पूरी जानकारी नहीं है। इस बारे में जानकारी स्पष्ट होने के बाद मैं आपको बताऊंगा।”
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र ने भी काले की मौत पर शोक जताया है, वह उस समय मारे गए जब गाजा पट्टी के रफह एरिया में उनका वाहन हमले की चपेट में आ गया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि आज तेल अवीव में भारतीय मिशन के साथ संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों के सहयोग से वे पार्थिव शरीर के ट्रांसपोर्टेशन में कोऑर्डिनेट करने में सक्षम थे। कर्नल (रिटायर) काले का पार्थिव शरीर आज भारत पहुंचा है, जहां परिवार सारी औपचारिकताएं पूरी करेगा। जहां तक मामले की जांच का सवाल है, आपने संयुक्त राष्ट्र महासचिव के ऑफिस का बयान देखा होगा कि उन्होंने एक फैक्ट फाइडिंग पैनल का गठन किया है। जहां तक हमारा सवाल है, हम जांच के संबंध में संबंधित अधिकारियों के संपर्क में भी हैं।