Jammu: भूस्खलन प्रभावित जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग लगातार दूसरे दिन भी बंद रहा, इसकी वजह से यातायात को मुगल रोड से डायवर्ट किया गया। पर्यटकों को लेकर बड़ी संख्या में वाहन सोमवार को देर रात राजौरी पहुंचे। हालांकि सड़क पर गाड़ियों की आवाजाही पर रात के वक्त प्रतिबंध के कारण उन्हें रोक दिया गया।
राजौरी के मुस्लिम समुदाय ने फंसे हुए यात्रियों को अस्थायी आश्रय, खाने और बुनियादी सुविधाएं देने के लिए मस्जिदों के दरवाजे खोल दिए। राजौरी के निवासियों का कहना है कि “हिन्दुस्तान के कोने से कोने-कोने से लोग आए हुए हैं, जो यहां इस वक्त मौजूद हैं वो रोड बंद है। एक तरफ चल रही है। वहां से गाड़ियां आ रही हैं। आज इनको कोई कहीं सहारा नहीं था। काफी सारे लोग इस वक्त हमारे पास यहां मौजूद हैं। जिनके खाने का इंतजाम भी रहने का इंतजाम भी यहां हमने किया है।”
“रोड ब्लॉक हो चुकी हैं। तो रेस्ट आता है इंडिया जो टूरिस्ट यहां पर आ रहे हैं। तो रोड ब्लॉक हैं उसमे हम देख रहे हैं कि छोटे-छोटे मासूम बच्चे जो हैं, वो भी जो हैं इसमें कह सकते हैं वो परेशान हो चुके हैं उनके पेरेंट्स परेशान हो चुके हैं तो इस वक्त राजौरी के आवाम ने उसमें चाहे हिंदू हों, मुस्लिम, सिख जो भाई हैं सबने अपने दरवाजे जो हैं खोल दिए हैं ताकि ये लोग जो हैं उनको मुश्किलों का जो है परेशानी ना आए।”
यासिर, केरल से आए पर्यटक “यह हमारी तरफ से कोई कदम नहीं था, बल्कि उन्होंने हमसे संपर्क किया, जो दर्शाता है कि मानवता अभी भी अपने शुद्धतम रूप में मौजूद है, साथ ही यह कश्मीर के लोगों के उदार और निस्वार्थ कार्य और उनका प्यार है जो कश्मीर को भारत और दुनिया के स्वर्ग के रूप में जाना जाता है।”
विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल जैसे हिंदू संगठन भी लोगों की मदद के लिए आगे आए। उन्होंने भी फंसे हुए यात्रियों के लिए मंदिर और सामुदायिक हॉल खोल दिए। सदस्य, विश्व हिंदू परिषद “तकरीबन 90 के करीब लोग यात्री जो हैं, जो टूरिस्ट हैं वो यहां पर ठहरे हैं। जिनके रहने खाने की व्यवस्था जो है विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल, जिला राजौरी द्वारा की गई है। तो आपके माध्यम से मैं ये बताना चाहता हूं कि ऐसी ही तीन-चार जगह और हैं। जैसे-जैसे जरूरत पड़ेगी हमारे पास पर्याप्त इंतजाम हैं।”
पुणे से आए पर्यटक रितेश ने बताया कि “अमृतसर से होकर हम जम्मू-कश्मीर जाना चाहते थे श्रीनगर, तो बीच में हमें वो लैंडस्लाइड का न्यूज पता चला तो हम बीच रास्ते से आ गए राजौरी तक और यहां पर आकर आगे हमें रोक दिया गया था। तो इसकी वजह से हम दो दिन से अटके पड़े थे जम्मू में ही। तो हमें अभी राजौरी में ही विश्व हिंदू परिषद की वजह से हमें यहां पर रुकने को मिला है। उन्होंने हमारी पूरी सुविधा की है।”
जम्मू और कश्मीर के रामबन जिले में बादल फटने की वजह से भारी बारिश से अचानक बाढ़ आ गई और भूस्खलन हुआ। इससे कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई और कई मकान, दुकानें और सड़कें बर्बाद हो गईं।
इलाके में हुई तबाही की वजह से 250 किलोमीटर लंबे जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सैकड़ों गाड़ियां फंसी हुई है। ये कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाला इकलौता बारहमासी मार्ग है, अधिकारियों के मुताबिक राष्ट्रीय राजमार्ग को दोबारा शुरू करने में पांच से छह दिन लग सकते हैं।