Jammu: जम्मू के मकवाल गांव में शुक्रवार को कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। कार्यक्रमों की श्रृंखला 1971 में पाकिस्तान पर भारत की जीत के 53 साल पूरे होने पर आयोजित की गई थी। इस मौके पर भारतीय सेना की चिनाब ब्रिगेड ने पाकिस्तान के साथ जंग लड़ने वाले कुछ जवानों को सम्मानित किया, कार्यक्रम का खास आकर्षण एक मोनोलिथ का अनावरण था। इसे युद्ध के गुमनाम नायकों को श्रद्धांजलि देने के लिए बनाया गया है।
कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले मेहमानों में आस-पास के इलाकों के स्कूली छात्र-छात्राएं भी शामिल थीं, कार्यक्रम में कई गतिविधियां हुईं। इनमें सीमावर्ती गांवों में बाइक रैली, क्रिकेट मैच, फिल्म स्क्रीनिंग और स्कूली बच्चों के लिए पेंटिंग प्रतियोगिताएं शामिल थीं।
वॉर वेट्रन संसार सिंह ने कहा कि “अभी मेरे को पूरा याद नहीं है, क्योंकि अभी मेरी जो याददाश्त जो है वो डेड हो चुकी है। हम यही बताएंगे कि जो लड़ाई हमने लड़ी है ना वो लड़ाई आज तक ना किसी ने लड़ी है और ना हमारी इंडियन आर्मी ने ऐसी बाजी दिखाई है कि तकरीबन आधी तहसील हमने पाकिस्तान की शकरगढ़ तहसील है वो हमने ले ली थी आगे तक।”
“हमने जो है 71 की लड़ाई जो लड़ी हुई है उसकी आज याददाश्त ताजा हुई है, जिसकी वजह से हम सब इकट्ठे हुए हैं। उस समय जो लड़ाई हुई है वो आज की लड़ाई से बहुत ही विपरीत है और गंभीर है। उस समय लड़ाई जो है लड़ी जाती थी जवान की मदद से और आज की लड़ाई जो है ये टेक्निकल लड़ाई है। आदमी कहां बैठा है और बम कहीं से आ जाता है और जो है ना कहीं नुकसान हो रहा है और कहीं फायदा हो रहा है।”
छात्रों का कहना है कि “हमें बहुत ही अच्छा लगा। इससे ना हमारे अंदर भी जोश बढता है जब हम ये देखते हैं, मतलब कैसे इकट्ठे रह रहे हैं। ये सब कुछ देखते हैं तो हमारे अंदर जोश आता है कि हम भी आर्मीे के अंदर जाए, एनडीए करें और अफसर बने, देश की सेवा करें।”
“बड़ा ज्यादा अच्छा लगा है, जैसे ही हमने यहां पर एंटर किया यहां से जो रैली गई थी वो आई। उनमें इतना जोश देखकर, वो इतने जोश से नारे लगाते हुए आए हमारे अंदर भी इतना जोश पैदा हो रहा है कि हम भी जाए और इंडियन आर्मी को सपोर्ट करें। हम अपने देश को सपोर्ट करें।”