Kolkata: नीदरलैंड के दो कलाकारों ने कोलकाता के एक शिल्पकार के साथ मिलकर इस साल की सामुदायिक दुर्गा पूजा की थीम को नया रंग दिया है। इसका मकसद पश्चिम बंगाल के सबसे बड़े त्योहार को दुनिया भर के लोगों के सामने पेश करना है। मार्टिना मारिया पेकला और बेंजामिन वान होइज शिलथौवर पोंपे सितंबर की शुरुआत में शहर में आने के बाद से बेहाला नूतन दल के कलाकार अयान साहा के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
डच कलाकारों की इस जोड़ी को कोलकाता के सामाजिक और सांस्कृतिक संगठन मासआर्ट ने चुना है। मासआर्ट ने पूजा से पहले के एक कार्यक्रम की मेजबानी के लिए यूनेस्को और ब्रिटिश काउंसिल के साथ हाथ मिलाया है। मासआर्ट के उपाध्यक्ष सयांतन मैत्रा के मुताबिक नीदरलैंड के एक मशहूर आर्ट कॉलेज के छात्र रहे मारिया और बेंजामिन को बंगाल समकालीन कला के एक एक्सपर्ट ने चुना था, जो उनके संगठन के सदस्य भी हैं।
बेहाला नूतन दल की इस साल की थीम ‘तुश्ती’ (संतोष) है, जिसमें कलाकार ‘फुचका’ (एक लोकप्रिय बंगाली स्ट्रीट फूड) खाने के बाद लोगों को होने वाली संतुष्टि को दर्शाने की कोशिश कर रहे हैं। फुचका को भारत के दूसरे हिस्सों में पानी पुरी के नाम से जाना जाता है। इंडो-डच कलाकारों के सहयोग के बारे में मासआर्ट के सचिव ध्रुबज्योति बोस सुवो ने कहा कि जब दो अलग-अलग संस्कृतियां आपस में जुड़ी होती हैं, तो कला सार्वभौमिक भाषा बन जाती है जो उन्हें एकजुट करती है। उन्होंने कहा कि भारत और नीदरलैंड के कलकारों का एक साथ आना कल्चरल फ्यूजन की मिसाल है।
उन्होंने कहा कि जैसे ही नीदरलैंड के जीवंत रंग भारत की समृद्ध विरासत के साथ मिलकर उत्कृष्ट कृति बनाते हैं जो देवी दुर्गा की नारी शक्ति को दिखाती है। डच कलाकार मार्टिना और बेंजामिन ने कहा कि वे थीम से संबंधित वीडियो इंस्टॉलेशन और एनीमेशन पर काम कर रहे हैं, जो एंट्री प्वाइंट पर पंडाल हॉपर्स को दिखाई देगा।
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उन्होंने कहा कि ये उनके लिए अनूठा अनुभव है और अयान के साथ काम करना रोमांचक रहा है। डच कलाकार इस प्रक्रिया का हिस्सा बनने के लिए खुद को भाग्यशाली मानते हैं। फेस्टिवल से पहले ‘प्रीव्यू शो’ के लिए मासआर्ट ने कोलकाता के 24 ऐसे सामुदायिक दुर्गा पूजा पंडालों का चयन किया है जहां सबसे ज्यादा भीड़ होती है।बेहाला नूतन दल इनमें से एक है। प्रीव्यू शो के लिए दो ‘बोनेडी बरिर पूजा’ (घरेलू पूजा) भी चुनी गई हैं।
पूजा से पहले होने वाले इस कार्यक्रम में राजनयिक, पर्यटक और कला प्रेमी शामिल होंगे और अतिथियों को जनता के लिए खोले जाने से पहले ‘पंडालों’ का दौरा करने का मौका मिलेगा। 11 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक कोलकाता के टाउन हॉल में आयोजित होने वाले प्रीव्यू शो में दर्शकों को पंडालों, मूर्तियों और ओवरऑल डेकोरेशन की अनूठी खासियत की प्रतीकात्मक झलक देखने को मिलेगी।
कोलकाता की दुर्गा पूजा को 2021 में यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत (आईसीएच) टैग दिया गया था। साहा ने कहा कि दुर्गा पूजा की दिव्य भावना के जश्न में भारतीय और डच कलात्मकता का संगम दिखाई देगा। नीदरलैंड की कलाकारों का कहना है कि “हमें फुचका पंडाल में सहयोग करने के लिए कोलकाता आमंत्रित किया गया था। हम पहले दुर्गा पूजा या फुचका नहीं जानते थे, हमें यहां आने पर इसके बारे में पता चला और हमने अपने परिवेश का उपयोग फुचका संस्कृति की प्रेरणा के लिए एक वीडियो बनाने के लिए किया, जो वीडियो इंस्टॉलेशन का हिस्सा बनने जा रहा है जिसे पंडाल के अंदर पेश किया जाएगा। इस वीडियो में उन सभी प्रकार के अनुभव शामिल हैं जो यहां रहने के हमें हुए। जो वास्तुकला, लोग, जानवर हैं जो हम सड़क पर देखते हैं, उन्हें हमने इसे डिजिटल स्पेस में शामिल किया है। ये शहर के बारे में एक कहानी भी बताता है जो एक फुचका और फुचका के चारों ओर घूमता है जो कई बैकग्राउंड के कई लोगों को एक साथ आने और इसका मजा लेने के लिए एकजुट करता
है।”