Bikaner: राजस्थान के बीकानेर में किन्नर समुदाय ने दिल को छू लेने वाली मिसाल पेश की है। शहर के शीतल गेट क्षेत्र में एक गरीब परिवार की बेटी की शादी में किन्नर समाज की अध्यक्ष मुस्कान बाई अपनी साथियों के साथ ढोल-ताशे के संग नाचते-गाते मायरा लेकर पहुंचीं।
मायरा या भात राजस्थान में शादी की एक महत्वपूर्ण रस्म है, जिसमें मामा अपनी बहन के बच्चों की शादी में उन्हें आशीर्वाद और आर्थिक सहयोग के तौर पर नकदी, गहने, कपड़े और अन्य कीमती सामान देते हैं, जो उनके सम्मान और रिश्ते की अहमियत को दिखाता है।
गोपेश्वर बस्ती में रहने वाली प्रिया के न तो पिता हैं, न भाई हैं और न ही ननिहाल पक्ष में कोई है। ऐसे में मुस्कान बाई ने ये बीड़ा उठाया। वे रीति-रिवाज के मुताबिक अपनी सहेलियों के साथ, ढोल की धुन पर थिरकते और शादी की रस्म से जुड़े गीत गाते हुए तोहफे लेकर दुल्हन बनीं प्रिया के घर पहुंचीं।
प्रिया के पिता की मौत कई साल पहले दिल का दौरा पड़ने से हो गई थी। ऐसे में प्रिया की मां गीता देवी नेे ही कामकाज कर परिवार की जिम्मेदारियों का बोझ उठाया।
परिवार में कोई पुरुष रिश्तेदार न होने की वजह से मुस्कान बाई ने बढ़-चढ़कर मायरा की रस्म बखूूबी निभाई।
किन्नर समुदाय से जुड़े लोगों को अक्सर शादी समारोहों में बिन बुलाए मेहमान के तौर पर देखा जाता है। वे शादी समारोहों में दूल्हा और दुल्हन के परिवारों को आशीर्वाद देने के बदले बड़ी रकम लेने के लिए पहुंचते हैं।
हालांकि एक गरीब परिवार की बेटी की शादी में दिखे किन्नर समाज के अंदाज ने लोगों की सोच को बदल दिया है। उन्होंने खुशी के मौके को बेहद खास बना दिया। इसकी उम्मीद शायद ही किसी ने की