Rajasthan: राजस्थान के धौलपुर जिले में भैसेना गांव के लोग लंबे वक्त से पानी की कमी से परेशान हैं, गांव वालों का कहना है कि वह कुओं और बोरवेल से पानी लेने को मजबूर हैं, क्योंकि उन्हें अभी तक नल का कनेक्शन नहीं मिला है, लोगों को जल्द ही कनेक्शन मिलने की उम्मीद है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह समस्या कम से कम 40-45 साल से है जब से जन्म हुआ देख रहे हैं, हमारे बुजुर्ग भी मर गए पानी खींचते खींचते। हम पानी लाने के लिए एक-दो किलोमीटर दूर जाते हैं और विधायक, एमपी सब आश्वासन दे जाते हैं कि आज पानी की टंकी बन जाएगी, कल हमको वोट देने कांग्रेस आती है बीजेपी आती है, कोई सुनवाई नहीं करता है, अपना मतलब पड गया और चले जाते हैं।
पानी की समस्या काफी समय से है, करीबन 55 साल का मैं हो गया तब से पानी की समस्या के साथ जूझते आ रहे है, अभी हैंडपंपों की व्यवस्था तो है लेकिन उस पानी में क्लोराइड की मात्रा ज्यादा है और टू बगेरह में दर्द होता है, इसलिए हमको कम से कम एक किलोमीटर-दो किलोमीटर दूर से पानी खींच करके कुएं द्वारा पानी ले जाते है।
कई लोगों का यह भी कहना है कि पानी की कमी का असर बच्चों की पढ़ाई पर भी पड़ रहा है, मैं तो जब से ही देख रहा हूं मेरी करीबन उम्र 30-35 साल की हो गई है। पानी की समस्या ही देखते आ रहा हूं, मेरे तो पूर्वजों ने भी यही समस्या में थे। ना तो बच्चों की पढ़ाई पूरी हो पाई। पहले पानी भरने जाओ फिर स्कूल जाओ।
भैसेना गांव के सरपंच यादव सिंह बताते हैं कि गांव वाले अर्से से नल के कनेक्शन की मांग कर रहे हैं। भैसेना के सरपंच ग्राम पंचायत यादव सिंह ने कहा कि ” साल 2019 में हमने चुनाव लोकसभा का बहिष्कार किया था, पूरे गांव ने एक भी वोट नहीं डाला था। उसके बाद मैं उस पानी के लिए जेल भी गया, जेल से आने के बाद 2020 में जब सरकार के द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों को जब भेजा गया। उस समय हमें आश्वसान दिया गया था कि चंबल लिफ्ट योजना के तहत आपको 10 प्रतिशत पानी जो पीने का है, उसमें से आपके गांव को पानी मिलेगा, लेकिन आज दिनांक तक ना तो लिफ्ट परियोजना शुरुआत की गई ना चालू हुई, ना 10 प्रतिशत पानी पीने का मिला।”