Rajasthan: पहलगाम हमले को लेकर नाराजगी और भारत का ऑपरेशन सिंदूर, अब केवल पाकिस्तान तक सीमित नहीं है। हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के दौरान पाकिस्तान का समर्थन करने वाले तुर्किये जैसे देशों का बहिष्कार करने की अपील जोर पकड़ रही है। राजस्थान में जयपुर के व्यापारी भी अब इस बहिष्कार में शामिल हो चुके हैं। शहर के विश्वकर्मा औद्योगिक क्षेत्र के संगमरमर व्यापारियों ने तुर्किये के साथ हर तरह के व्यापारिक संबंध तोड़ने का ऐलान किया है। भारत तुर्किये से कई तरह की चीजों के साथ ही, तरह-तरह के संगमरमर ब्लॉक और स्लैब भी आयात करता है। तुर्किये के संगमरमर के बहिष्कार की भावना केवल व्यापारिक समुदाय तक ही सीमित नहीं है।
यहां तक कि ग्राहक भी देश के साथ व्यापारिक संबंध खत्म करने की मांग कर रहे हैं। संगमरमर व्यापारियों की तरह ही जयपुर के आभूषण विक्रेताओं ने भी तुर्किये के सामान के बहिष्कार की अपील की है। भारत तुर्किये से सोना और बिना फिनिशिंग वाले आभूषण भी आयात करता है। जयपुर के संगमरमर व्यापारियों और आभूषण विक्रेताओं का कहना है कि तुर्किये से आयात बंद करने का फैसला लेकर उन्होंने उसे कड़ा संदेश दिया है, क्योंकि तुर्किये ने हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए तनाव में पाकिस्तान का समर्थन किया था।
संगमरमर व्यापारी नरेश कुमार बंसल ने कहा, “हम व्यापारी वर्ग भी फैसले ले रहे हैं कि हम तुर्किये के साथ व्यापारिक संबंध तोड़े। टूरिज्म तोड़े। और भी जिस तरीके से पाबंदी लग सकती है उनको लगाएं। उनकी इकोनॉमी को तोड़ें जिससे उनके सबक मिले। जिससे वो दुश्मन देश का साथ ना दें।”
विश्वकर्मा औद्योगिक क्षेत्र के अध्यक्ष जगदीश सोमानी ने कहा, “देखिए जो देश भारत के विरोध में और यहां के लोगों को मारने में और आतंकवाद का साथ देने में जो भी देश पाकिस्तान का साथ दे रहा है वो भारत का दुश्मन है। जो निर्दोष आदमी मरे जो सेना के जवान शहीद हुए जिस तरह से मिसाइलें और ड्रोन हुई है निश्चित ही हमारा अगर सक्षम भारत नहीं होता तो पता नहीं भारत में कितना बड़ा नुकसान कर देते। इसी के लिए आज हमने निर्णय किया है तुर्किये के साथ ना किसी तरह का ट्रेड करेंगे ना टूरिज्म करेंगे ना किसी तरह का एक्सपोर्ट करेंगे ना वहां से इंपोर्ट करेंगे।”
जयपुर ज्वेलर्स एसोसिएशन के कैलाश मित्तल ने कहा, “टर्की से पहले एक समय की बात थी कि इंडिया के अंदर में अनफिनिशड ज्वेलरी आती थी डायमंड की वो इंपोर्ट काफी अच्छी होती थी। क्योंकि वहां की ज्वेलरी लाइट वेट की फैलाव इतना आता था कि डायमंड की क्वांटिटी लगती थी कम लेकिन देखने में अच्छी लगती थी। अब इंडिया में ऐसी मशीनें लगी चुकी है टर्की की सेम कॉपी हो रही है सेम ज्वेलरी बन रही है। 90 फीसदी तो अब इंडिया में ही बन रही है। जितना थोड़ा सा हो रहा है वो बातचीत हुई थी हम टर्की से कोई भी ज्वेलरी इंपोर्ट नहीं करेंगे।”