Rajasthan: राजस्थान के अलवर जिले के नौगांवा थाना क्षेत्र से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां एक मासूम बच्ची, जो अभी सिर्फ एक महीने की थी, उसकी मौत हो गई। परिजन बच्ची की मौत की जिम्मेदार पुलिस को मान रही है। 1 मार्च की रात, जब पूरा परिवार अपने घर में चैन की नींद सो रहा था, तभी पुलिस साइबर धोखाधड़ी के एक आरोपी को पकड़ने के लिए छापेमारी करने पहुंची।
पुलिस छापे के दौरान एक महीने की बच्ची की मौत के बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। परिवार का आरोप है कि पुलिस ने बिना किसी चेतावनी के घर में घुसकर भारी उत्पात मचाया और इसी अफरातफरी में मासूम बच्ची अलिस्बा, जो अपनी मां के बगल में खाट पर सो रही थी और पुलिसकर्मियों की कथित क्रूरता का शिकार हो गई। परिजनों ने दावा किया कि पुलिस ने नन्हीं जान को कुचल दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
यही नहीं, जब उसकी मां ने विरोध किया, तो उसे भी पुलिस ने कथित तौर पर घर से बाहर धक्का दे दिया। परिजनों का आक्रोश इस बात पर और बढ़ गया कि छापेमारी के दौरान कोई महिला पुलिसकर्मी मौजूद नहीं थी, जो कानून का खुला उल्लंघन है।
मृतक बच्ची की मां ने कहा, “पुलिसवाले आए और हमारे दरवाजे खटखटाए। बच्ची बिस्तर पर थी। वे लगभग एक महीने की थी। पुलिस ने उसे कुचल दिया और उसकी मौत हो गई।” घटना के बारे में पूछे जाने पर डिप्टी एसपी अंगद शर्मा ने कहा, ”प्रदर्शनकारी कह रहे हैं कि पुलिस एक मामले की जांच करने गई थी, इसी दौरान एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी और बच्चे की मौत हो गई.” उन्होंने कहा, “जांच चल रही है। प्रदर्शनकारी FIR दर्ज करने की मांग कर रहे हैं।”
घटना के बाद पूरे इलाके में आक्रोश फैल गया। 2 मार्च को सैकड़ों ग्रामीण अलवर पुलिस अधीक्षक के आवास के बाहर एकत्रित हुए और जमकर विरोध प्रदर्शन किया। ‘न्याय दो, न्याय दो’ के नारों से गूंजते इस प्रदर्शन ने पुलिस महकमे को कटघरे में खड़ा कर दिया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक तेजपाल सिंह ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि इस मामले में दो पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है।