Jaipur: जयपुर की चिलचिलाती धूप में कई पंडित बर्फीले पानी और बर्फ भरे भगोनों में बैठे हैं और मंत्र पढ़ रहे हैं, वहीं दूसरे पुजारी यज्ञ कर रहे हैं। इसका मकसद है- बारिश के लिए प्रार्थना करना। बारिश की कामना के साथ पर्जन्य यज्ञ किया जा रहा है, वैदिक मंत्रोच्चार हो रहा है, पर्जन्य यानी बारिश के देवता का आह्वान किया जा रहा है, कि वे आएं और मेघ बरसाएं। पर्जन्य यज्ञ एक विशेष यज्ञ है जो बारिश की कामना और सूखे से राहत दिलाने के लिए किया जाता है।
पुजारियों के मुताबिक राजस्थान और देश के दूसरे हिस्सों में इस समय नौतपा यानी नौ दिन का भीषण गर्मी का दौर चल रहा है। ये मानसून के आने से ठीक पहले होता है। उनका कहना है कि पर्जन्य यज्ञ तत्काल राहत पाने के लिए किया जाता है। यजुर्वेद के प्रासंगिक मंत्रों के उच्चारण के साथ पर्जन्य यज्ञ का समापन होता है। तो क्या इससे बारिश होगी? जयपुर के नीलकंठ महादेव मंदिर में वैदिक अनुष्ठान देखने आए श्रद्धालुओं को पूरा भरोसा है कि बारिश जरूर होगी।
पुजारी पुरुषोत्तम गौर ने कहा, “देखिए, ये यज्ञ पर्जन्य यज्ञ के नाम से इस यज्ञ को किया जा रहा है, जिसमें शुक्ल वेद की और सामवेद की और यजुर्वेद की ऋचाओं से ये आहुति की जा रही है। अच्छी वर्षा के कामना को लेकर के ये किया जा रहा है। नौतपा (अत्यधिक गर्मी का नौ दिन का समय, जो मानसून के आने से ठीक पहले मई के अंत या जून की शुरुआत में होता है) चल रहा है। प्रचंड गर्मी का आप हालात देख रहे हैं जीव-जंतु की हालत खराब हो रही है। हम प्राणियों की हालत खराब हो रही है। ऐसे में जब वर्षा की आवश्यकता महसूस कर रहे हैं तो हमें इंद्र भगवान से प्रार्थना करते हुए ये यज्ञ को किया है।”
पुजारी करण शर्मा का कहना था, “इस यज्ञ का कराने का मुख्य उद्देश्य ये है कि नौतपा में जिस तरीके से पूरे राजस्थान से देश में गर्मी पड़ रही है, आग बरस रही है, तो उससे राहत मिले पूरे देश में प्रदेश में एक अच्छी बरसात हो जिससे खुशहाली हो और अच्छी अन्न-धन का भंडार पूरे देश में भर सके।”