Jaipur: राजस्थान की सांगानेरी प्रिंट पारंपरिक हैंड-ब्लॉक प्रिंटिंग तकनीक है, यह तकनीक सांगानेर गांव से शुरू हुई थी, प्रिंटिंग में रंग-बिरंगे डिजाइन होते हैं। इनमें फूल, ज्यामितीय पैटर्न और प्रकृति से प्रेरित थीम होती हैं।
त्योहार के मौसम में हैंड-ब्लॉक प्रिंटिंग की भारी मांग है, लिहाजा जयपुर में कारीगर बड़े जतन से इन्हें तैयार कर रहे हैं, माना जाता है कि सांगानेरी प्रिंट 16वीं सदी में शुरू हुई थी, इसमें सब्जियों और फलों से निकाले गए प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल होता है।
सांगानेरी प्रिंट वाले कपड़ों के रंग खराब नहीं होते। उनकी यही खासियत खरीदारों को लुभाती है, पेचीदे डिजाइनों के लिए मशहूर प्रिंट की विरासत 500 साल से ज्यादा पुरानी है, यह अमूमन सफेद और ऑफ-व्हाइट कपड़ों पर बनाए जाते हैं।
दुकानदारों ने कहा कि “इतिहास तो बहुत पुराना है, अपने राजा-महाराजाओं के टाइम से भी ये ब्लॉक प्रिंटिंग का काम होता रहा है, ज्यादातर ये अपने सांगानेर वाले पार्ट में था तो सांगानेरी प्रिंट के नाम से ही फेमस हुआ है और जो अपने नेचुरल वेजिटेबल डाइज वगैरह होती थी जो अपने फूलों का अर्क हुआ, वेजिटेबल्स का अर्क हुआ। उन्हीं से ही इनका कलर वगैरह तैयार किया जाता था और लकड़ी के डंडे के ऊपर नक्काशी करके ब्लॉक प्रिंटिंग की जाती थी। राजा-महाराजाओं के टाइम से ही पुराना है और काफी फेमस है।”
“कॉटन कपड़ा होता है और हैंड ब्लॉक होता है और सब वेजिटेबल कलर होेते हैं, केमिकल कलर नहीं होते हैं। जो स्किन के लिए हार्मफुल हों वो नहीं होते हैं और हम लोग खासतौर से जो धागा भी है तो वो कॉटन है, बटन है तो वो भी लकड़ी का है तो उससे इस चीज को वर्ल्ड वाइड प्रेफर किया जाता है।”
“सांगानेर प्रिंट बहुत साल पुराना है जयपुर का और यहीं सांगानेर गांव है, वहां का कलर कभी नहीं निकलेगा सांगानेर का और यहां तक की ये विदेश तक ये फेमस है। आप कहीं भी इंडिया में जाओ, सब पूछेंगे जयपुर की सांगानेर प्रिंट की चद्दर या कुर्ते या चुन्नी, दुपट्टा हर चीज फेमस है सांगानेर प्रिंट की। मुझे बचपन से लेकर आज 50 साल हो गए अभी तक सांगानेर प्रिंट के ही पहन रही हैं।”
“हम सांगानेरी प्रिंट वर्क के सूट लेने आए हैं और इसमें बहुत सारे पैटर्न, ब्लॉक प्रिंट होते हैं। उनके कपड़े कभी फेड नहीं होते हैं धोने के बाद भी और बहुत महंगा भी नहीं है। रीजनेबल प्राइज हैं, काफी पैटर्न हैं और सिर्फ कपड़ा भी और सिले सिलाए सूट भी हैं। काफी अभी ये ट्रेंड में हैं और अच्छा लगता है, ये पैटर्न फेस्टिवल्स में पहनना।”