Monsoon: उत्तर-पश्चिम भारत में कई जगहों पर बुधवार और गुरुवार को भारी बारिश हुई। दिल्ली-एनसीआर में बुधवार शाम से शुरू हुई मूसलाधार बारिश देर रात तक जारी रही। बारिश से गुरुवार सुबह तक यातायात में काफी परेशानी हुई।
गुरुग्राम पर बारिश का कुछ ज्यादा ही असर पड़ा। प्रमुख सड़कें और कई रिहायशी इलाके पानी में डूब गए। इससे कई जगहों पर ट्रैफिक जाम हो गया। मौजूदा हालात में मौसम विभाग ने दिल्ली के अलावा जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा के लिए एलर्ट जारी किया है।
उत्तराखंड के कई जिलों में भी अच्छी बारिश हुई। राज्य की कई प्रमुख नदियां उफान पर आ गईं। मौसम की हालत देखते हुए अधिकारियों ने लोगों को सतर्क रहने और राज्य के भूस्खलन संभावित और निचले इलाकों में सफर ना करने की सलाह दी है।
राजस्थान के भी कई हिस्सों में गुरुवार को जम कर बारिश हुई। अजमेर जिले के नसीराबाद में सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग के मुताबिक उत्तर-पश्चिम भारत में कुछ जगहों पर अगले सात दिनों तक भारी बारिश के आसार हैं।
उत्तराखंड मौसम विभाग के निदेशक बिक्रम सिंह ने कहा कि “लगातार बारिश की एक्टिविटी जारी है, उसकी वजह से नदियां हैं या उसमें जलस्तर बढ़ा है और इसके साथ-साथ जो लैंडस्लाइड की चीजें हैं वो भी देखने को मिली ही रही हैं, खासकर जो अंदर के जिलें हैं। तो जो भी आवागमन करना है काफी सतर्क होकर करना है, आसपास लोगों को बिल्कुल नहीं जाना चाहिए और जो ऐसे एरिया में रह रहे हैं तो उनका काफी सतर्क और जो एकदम नजदीक हैं तो उनको वहां से हटना चाहिए क्योंकि जलस्तर जो है वो दिन-ब-दिन बढ़ेगा।”
राजस्थान के भी कई हिस्सों में गुरुवार को जम कर बारिश हुई, अजमेर जिले के नसीराबाद में सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई।
इसके साथ ही राजस्थान मौसम विभाग के वैज्ञानिक हिमांशु ने बताया कि “पिछले 24 घंटों पे अगर हम एक नजर डालें तो नसीराबाद के अंदर अजमेर में 163 एमएम वेरी हैवी रेनफॉल दर्ज हुई है, वहीं पश्चिम राजस्थान की बात करें तो इसी से सटे हुए एरिया डीडवाना के अंदर 94 एमएम जो है, हैवी रेनफॉल दर्ज की गई है। अंडर लाइटनिंग के साथ-साथ गस्टी विंड जो होती है, 30 से 45 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से विंड्स जो हैं, वो देखने को मिलेंगी, तो उससे सावधानी रखने की जरूरत है।
वहीं पश्चिम राजस्थान चूंकि बारिश का दौर जो है, वो जारी है, तो जो भी निचले इलाके हैं, वहां पर स्पेशली जो हमारे साउथ-ईस्ट वाले जो हैं, दक्षिणी-पूर्वी जिले हैं, वहां पर रेनफॉल जो है, वो कंटीन्यूवस हो रही है। इसी के साथ-साथ नदी-नाले उफान में हैं। वहां पर स्पेशल ध्यान रखने की जरूरत है।”