Kashmir: श्रीनगर में इस मौसम की अब तक की सबसे ठंडी रात रविवार को रही। रविवार रात पारा शून्य से 3.2 डिग्री सेल्सियस नीचे तक चला गया। सोमवार की सुबह स्थानीय लोग अलाव के चारों ओर दुबके हुए और पारंपरिक फिरन पहने नजर आए।
सर्दी से कांपते हुए कई लोगों ने कहा कि इस साल चिल्लई कलां सामान्य समय से पहले आ गया है। स्थानीय निवासी हिलाल अहमद ने बताया कि “मुझे लगता है कि ‘चिल्लई कलां’ पहले से आया है। सर्दी से माइनस टेंपरेचर भी डाउन हो गया मुश्किल है जीना और ये सर्दी क्या है, क्या नहीं है रब को पता है। जो भी होगा वो ही होगा अल्लाह चाहे, हवाले है सब कुछ।”
सर्दी ने दैनिक दिनचर्या को भी बाधित कर दिया है।स्थानीय लोगों का कहना है कि इस साल सर्दी कुछ ज्यादा पड़ सकती है। स्थानीय निवासी जाकिर ने कहा कि “ठंड बहुत है सर काम नहीं कर सकता बंदा इसलिए अब थोड़ा मजबूरी है तो आना पड़ता है सबको ठंडी में। आपको पता ही है कट लग जाता है यहां ठंडी में इसलिए।
चिल्लई कलां कश्मीर घाटी में सबसे कठोर सर्दियों के मौसम का स्थानीय नाम है। यह 40 दिनों तक चलता है और 21 दिसंबर से शुरू होता है।
श्रीनगर के अलावा अनंतनाग में भी पेड़ों की शाखाओं पर जमी बर्फ की ये परतें सर्दी के खूबसूरत नजारे को दर्शा रही हैं। हालांकि ये इस बात का भी संकेत है कि आने वाले दिनों में पारा और ज्यादा गिर सकता है।