Ranchi: कागज़ के लिफाफे बना रहीं ये महिलाएं रांची के करमटोली की रहने वाली हैं। साल 2019 में 10 महिलाओं ने मिलकर ‘सार्थक स्वयं सहायता समूह’ का गठन किया। मुख्यमंत्री ‘मईया सम्मान’ और ‘सर्वजन पेंशन योजना’ से मिली राशि की मदद से इन्होंने पेपर बैग, मोमबत्तियां और मिट्टी के दीये बनाना शुरू किया। जिससे आत्मनिर्भर बनने के साथ-साथ अब ये महिलाएं आर्थिक रूप से भी सशक्त हो रही हैं। इस बार दीवाली सीज़न में इन्हें 1 लाख रुपए तक की आमदनी हुई।
ये महिलाएं अपनी सफलता का क्रेडिट ‘मईयां सम्मान योजना’ को देती हैं। दरअसल, मईयां सम्मान झारखंड सरकार की एक योजना है, जिसके तहत हर सदस्य को हर महीने ₹2,500 की सहायता मिलती है। शीला लिंडा ने बताया कि पहले उन्हें आर्थिक कठिनाइयों के कारण अपना काम चलाने में दिक्कत होती थी। इस योजना ने हमें बहुत मदद दी और आगे बढ़ने का मौका मिला।
सामाजिक कल्याण के लिए 2025-26 के बजट में 23,914 करोड़ रुपये का आवंटन किया, जिसमें मुख्यमंत्री मईया सम्मान योजना के लिए ₹13,363 करोड़ जबकि मुख्यमंत्री सर्वजन पेंशन योजना के लिए ₹3,850 करोड़ का प्रावधान किया है।
मुख्यमंत्री मईयां सम्मान योजना और सर्वजन पेंशन योजना से मिली राशि को इन महिलाओं ने समझदारी से बचाकर एक पूंजी में बदल दिया। जिससे इन्होंने अपने सपनों को नई उड़ान दी। आज इन महिलाओं ने प्रदेश की दूसरों महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता की एक नई मिसाल कायम की है।