Union Budget 2025-26: गुजरात का जामनगर देश में पीतल के सामान बनाने के सबसे बड़े केंद्रों में एक है। यहां पीतल के सामान बनाने के लिए करीब 10 हजार छोटे-बड़े उद्योग हैं। इनका घरेलू और वैश्विक बाजार में अहम योगदान है।
ये उद्योग लाखों परिवारों की रोजी-रोटी का जरिया हैं। पीतल उद्योग से जुड़े लोगों की केंद्रीय बजट से भारी आस है।
उनका कहना है कि उद्योग घाटे से गुजर रहा है और सरकार को इसके विकास के लिए गंभीर कदम उठाने चाहिए।
पीतल निर्माता GST दर में कमी के अलावा सरकार से पीतल के स्क्रैप से कर हटाने की भी मांग कर रहे हैं, ताकि ये उद्योग वैश्विक बाजार में ज्यादा प्रतिस्पर्धी हो।
जामनगर में पीतल के तरह-तरह के सामान बनते हैं। इनमें इमारती हार्डवेयर और बिजली के सामान भी शामिल हैं। पीतल उद्योग से जुड़े लोगों को उम्मीद है कि आगामी बजट में उनकी परेशानियां दूर करने के प्रावधान होंगे।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण एक फरवरी को बजट पेश करेंगी।