Gujrat: अहमदाबाद मे ईको फ्रेंडली अंतिम संस्कार की मुहिम

Gujrat: अहमदाबाद नगर निगम ने श्मशान घाटों पर गाय के गोबर से बने उपले उपलब्ध कराए हैं।

मार्च 2024 में बतौर पायलट प्रोजेक्ट इसे करुणा मंदिर में शुरू किया गया था। करुणा मंदिर में बेसहारा गायों के तकरीबन 7500 किलो गोबर से स्पेशल उपले बनाए जा रहे हैं। इनका इस्तेमाल नगर निगम के 21 श्मशानों में किया जा रहा है।

नगर निगम की यह पहल दाह संस्कार से होने वाले वायु प्रदूषण को कम करने के लिए की गई है। इसके साथ ही इससे बेसहारा गायों को भी सहारा मिलेगा।

अहमदाबाद नगर निगम ने एक मीट्रिक टन क्षमता वाली बायोगैस यूनिट की स्थापना की है। इसके अलावा गाय के गोबर की आसान खरीद के लिए ईको फ्रेंडली गाय के गोबर के उपले ऑनलाइन उपलब्ध कराने की भी योजना बनाई है।

मवेशी उपद्रव नियंत्रण विभाग के निदेशक नरेश राजपूत ने कहा, “करुणा मंदिर में अभी हमारे पास 800 गायें और और पशु है। मतलब रोजाना गाय का गोबर निकलता है। तो अभी हमारे पास रोजाना लगभग 7,500 किलोग्राम गाय का गोबर होता है। उसमें हमने एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया। गाय के गोबर से स्टिक बनाओ, उसकी टिक्की बनाओ और वो बना के अहमदाबाद नगर निगम के 21 श्मशान घाटों पर अंतिम संस्कार के लिए हम लोग देते हैं।”

“जिनके पास मवेशी रखने का अपना खुद का जगह है, वो लोग नगर निगम से लाइसेंस लें और अपनी ही जगह में मवेशियों को रखें। ऐसा प्रावधान किया गया। जिसके तहत शहर में 1,090 लाइसेंस दिए गए हैं, जिसमें लगभग 12,000 मवेशी हैं अभी शहर में। अभी फिर भी जिनके पास लाइसेंस नहीं है और वे अपने मवेशियों को आवारा छोड़ देते हैं, हमारी टीम चौबीसों घंटे नजर रखती है। उनको पकड़कर करुणा मंदिर में रखा जाता है।”

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