Gujarat: गुजरात में मछली उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है। इसका सकारात्मक असर मछुआरों की जिंदगी और राज्य के मत्स्य पालन उद्योग पर दिख रहा है। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत सरकार ने 2022-23 में अलग-अलग प्रोजेक्ट के लिए 286 करोड़ 53 लाख रुपये आवंटित किए थे। लक्ष्य था, 2024-25 तक मछली उत्पादन 70 लाख टन और मछली के निर्यात से आमदनी एक लाख करोड़ रुपये बढ़ाना।
गुजरात का समुद्र तटीय इलाका देश में सबसे ज्यादा, करीब एक हजार छह सौ किलोमीटर है। ये मछली उत्पादन के अनुकूल है। पिछले चार साल से राज्य का सालाना मछली उत्पादन करीब साढ़े आठ लाख मीट्रिक टन है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक मछुआरा परिवार की औसत आमदनी 2018 में साढ़े छह लाख से बढ़कर 2022 में 11 लाख रुपये हो गई है।
गुजरात सरकार ने मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की है। मसलन, डीजल पर वैट में कटौती, केरोसिन और पेट्रोल पर सब्सिडी और सड़क और बिजली की हालत बेहतर करना। समुद्री मछली उत्पादन में गुजरात देश में पहले नंबर पर है। सभी माध्यमों से मछली उत्पादन में इसका स्थान देश में पांचवां है।