Election: मुख्यमंत्री योगी ने जौनपुर में रैली कर भदोही और मछलीशहर लोकसभा सीट के लिए प्रचार किया, जहां उन्होंने कहा कि राम का विरोध करते-करते रामद्रोही भारत, हिंदुओं, दलितों- पिछड़ों और आमजन का विरोध करते हैं। यह वही लोग हैं, जो बेटी-व्यापारी की सुरक्षा में सेंध लगाते थे, रामभक्तों पर गोली चलवाते हैं और माफिया के मरने पर मातम मनाते हैं। माफिया के मरने पर प्रदेशवासियों को लगा कि बला समाप्त हुई, लेकिन सपा के लोग आंसू बहा रहे थे। मैंने एक सपा नेता से पूछा कि तुम्हें जनता, गरीबों, किसानों, दलितों, पिछड़ों, वंचितों के लिए आंसू बहाते नहीं देखा तो उन्होंने कहा कि यह माफिया हमारे कारिंदे थे, जिनके कारण हम वसूली करते थे। आप वसूली के हमारे सारे अड्डे ध्वस्त कर देंगे तो हम भीख मांगते दिखाई देंगे। मैंने कहा कि तुम्हें तो कोई भीख भी नहीं देगा, क्योंकि तुम्हारे कारनामे ऐसे हैं कि जिस घर में जाओगे, वहां मां, बहन-बेटी, जूता-चप्पल लेकर दौड़ाएगी। कोई तुम पर विश्वास भी नहीं करने वाला है।
तृणमूल पर बरसे योगी
सीएम योगी ने कहा कि फिर एक बार मोदी सरकार को लेकर देश में उमंग है। अबकी बार-400 पार कहने पर क्षेत्रीय दलों, सपा व कांग्रेस समेत इंडी गठबंधन को चक्कर आता है। न सपा-कांग्रेस 400 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और टीएमसी 400 सीटों पर चुनाव लड़ने लायक है। आपने तो टीएमसी का नाम पहली बार सुना होगा। टीएमसी के लोग कहते हैं कि साधु-संतों को मारकर भगा देना चाहिए। विश्वामित्र की यज्ञ साधना का विध्वंस करने यह मारीच और सुबाहू कहां से आ गए हैं। इन्हें तो राम-लक्ष्मण ने त्रेतायुग में ही स्वाहा कर दिया है।
सीएम योगी ने कहा कि कल आपने सपा का नजारा देखा होगा। 2014, 2017, 2019, 2022 में हारे और 2024 में हारने जा रहे हैं। उनकी उद्दंडता और अनुशासनहीनता को देखा होगा। जैसा सपा का नारा, वैसा ही नजारा आपने देखा होगा। सपा का था यही नारा कि खाली प्लॉट है हमारा। मार्च 2017 में भाजपा व मोदी जी ने जैसे ही मुझे प्रदेश का सीएम बनाया। मैंने 24 घंटे का समय दिया और कहा कि इस अवधि में अवैध कब्जा नहीं हटा तो बाप-दादा की संपत्ति से भी वंचित होना पड़ेगा। फिर 24 घंटे में सपाई गुंडों के सारे कब्जे हट गए थे। कल इन लोगों की मंच पर ही कुश्ती हो रही थी। जो पार्टी अपने नेता और छोटे का ख्याल-बड़ों का लिहाज नहीं रखती हो, वह सभ्य समाज का हिस्सा नहीं हो सकती। जो कारनामे यहां समाजवादी पार्टी के थे, वही पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस का है। इनके नाम भर अलग हैं, लेकिन कारनामे एक हैं। इनके डीएनए कांग्रेस से मिलते-जुलते हैं।