Banswara: राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के कुंडल गांव की महिलाएं हर दिन सुबह-सुबह पानी लाने के लिए निकल पड़ती है। ये काम इनके लिए बड़ी चुनौती से कम नही है क्योंकि गांव में पानी का जरिया सिर्फ एक अकेला हैंडपंप है। घर में पानी की कमी पूरा करने का बोझ पूरी तरह से महिलाओं के कंधों पर है। अपने बर्तनों को पानी से भरने के लिए उन्हें हर दिन कई घंटे लग जाते हैं। साथ ही उन्हें इसके लिए पैदल लंबी दूरी तय करनी पड़ती है।
कुंडल गांव में पानी की किल्लत का असर अब लोगों की जिंदगी पर दिखने लगा है। उन्हें बूंद-बूंद पानी के लिए तरसता देखकर लोग इस गांव में अपनी बेटी की शादी करवाने से कतराने लगे हैं। गांव में बेकार पड़ी पाइपलाइनों, सूखे कुओं और योजनाओं के लागू न होने की वजह से पानी को बड़े ड्रमों में इकट्ठा किया जाता है। साथ ही इन ड्रमों पर ताला भी जड़ा जाता है ताकि पानी की बर्बादी को रोका जा सके। गांव वालों को हैंडपंप के पानी के सूखने का डर भी हमेशा सताता रहता है।
कुंडल गांव के लोग कोई महंगी या शानो-शौकत दिखाने वाले चीज नहीं मांग रहे। वे सिर्फ अपनी एक बुनियादी जरूरत को पूरा करने की गुहार लगा रहे हैं। ये है- साफ और आसानी से मिलने वाला पानी। निवासी, कुंडल गांव के निवासियों ने कहा, “बस्ती में सिर्फ एक ही हैंडपंप चल रहा है। जानवर भी हैं हमारे पास, कम से कम 300 से 350 जनसंख्या भी है एक ही पंप है एक घंटा चले तो दो घंटे बैठे रहते हैं. हमारे यहां लोग। ये परेशान हो रहा हैं, मवेशी भी परेशान हो रही है। तो हमारे लिए तो सरकार भी नहीं देख रही है वोट मांगने के लिए हमारे पास सब नेता आ जाते हैं पर हमारी समस्या के लिए कोई नहीं आ सकते यहां पर।”
“पानी सुबह से आओ तो शाम तक जाते हैं पानी लेकर। तो काम क्या हुआ हमारे कोई काम नहीं होता। पूरे गांव में एक हैंडपंप है। तो कोई काम करो ये पूरा नानाखेड़ा में सब समस्या आई है। पानी है ही नहीं गांव में। हमें अभी खूब पानी की खूब परेशानी है हमारी। हमें पानी लेने ऊपर काटी सड़कों से जा रहे हैं हम तीन किलोमीटर पानी लेने सटरियां हैं। पानी के लिए पैदल चलना पड़ता है। यहां बहुत सारे लोग हैं और हम सभी पानी की कमी के कारण प्यास से तड़प रहे हैं।”
“यहां पर हमारी पानी की समस्या है।मैं लगभग बी.ए. फाइनल कर लिया है बांसवाड़ा में ताकि क्योंकि मैं शादी के लायक नहीं। यहां पर हमारी जो कि सगाई की समस्या में यहां पर कोई भी पानी की वजह से हमारी कोई सगाई नहीं कर पाते हैं इसी वजह से हम दुखी हैं। हमारी इस 300 की आबादी में ओनली एक ही हमारा हैंडपंप चल रहा है। इस हैंडपंप के जरिए हमारी ये लेडीज जब पानी भरने के लिए आती हैं तो सुबह से शाम हो जाती है और एक दूसरे का झगड़ने का इशारा बंता है और बहुत परेशान है ये लोग। परेशान हो गए हताश हो गए और एक हैंडपंप ये भी चलता-चलता कभी रुक जाता है बीच में और पूरा पानी नहीं मिलता है इसकी वजह से ये हमारी सारी जनता परेशान है।”