Vantara: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनूठी वन्यजीव संरक्षण, बचाव और पुनर्वास पहल ‘वंतारा’ की सराहना की और लोगों से जानवरों के प्रति दयालु व्यवहार करने का आग्रह किया। मोदी ने गुजरात के जामनगर जिले में पशु बचाव, संरक्षण और पुनर्वास केंद्र वनतारा का दौरा किया। 3,000 एकड़ में फैला वनतारा रिलायंस इंडस्ट्रीज के जामनगर रिफाइनरी परिसर में मौजूद है। ये बंदी हाथियों और वन्यजीवों के कल्याण के लिए बनाया गया है, जो दुर्व्यवहार और शोषण से बचाए गए जानवरों को अभयारण्य, पुनर्वास और चिकित्सा देखभाल प्रदान करता है।
मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “वन्यजीव संरक्षण, बचाव और पुनर्वास पहल वनतारा का उद्घाटन किया, जो पारिस्थितिक स्थिरता और वन्यजीव कल्याण को बढ़ावा देते हुए जानवरों के लिए सुरक्षित आश्रय प्रदान करता है। मैं इस बहुत ही दयालु प्रयास के लिए अनंत अंबानी और उनकी पूरी टीम की सराहना करता हूं।”
उन्होंने अपनी यात्रा की तस्वीरें साझा करते हुए कहा, “वनतारा जैसा प्रयास वास्तव में सराहनीय है, हमारे सदियों पुराने लोकाचार का बेहतरीन उदाहरण है, जो हमारे ग्रह को साझा करने वालों की रक्षा करता है।” पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने वनतारा में एक हाथी को देखा जो एसिड अटैक का शिकार था। उन्होंने कहा, “हाथी का बहुत सावधानी से इलाज किया जा रहा था। वहां और भी हाथी थे, जो अंधे हो गए थे। एक हाथी को तेज रफ्तार ट्रक ने टक्कर मार दी। ये एक बहुत ही गंभीर सवाल उठाता है कि लोग इतने लापरवाह और क्रूर कैसे हो सकते हैं?”
उन्होंने कहा, “आइए हम इस तरह की गैर-जिम्मेदारी को खत्म करें और जानवरों के प्रति दयालुता दिखाएं।” मोदी ने कहा कि ऐसे और भी उदाहरण हैं।उन्होंने कहा कि एक शेरनी को वाहन से टकराने के बाद रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट लगी थी। प्रधानमंत्री ने बताया, “उसे उचित देखभाल मिल रही थी। अपने परिवार द्वारा छोड़े गए एक तेंदुए के बच्चे को उचित पोषण देखभाल के साथ नया जीवन मिला। मैं ऐसे कई जानवरों की देखभाल के लिए वनतारा की टीम की सराहना करता हूं।”
वनतारा में 2,000 से ज्यादा प्रजातियां और 1.5 लाख से ज्यादा बचाए गए और संकटग्रस्त जानवर रहते हैं, पीएम मोदी ने बचाव केंद्र में दी जा रही तमाम सुविधाएं देखी और वहां पुनर्वासित जानवरों की कई प्रजातियों के साथ नजदीक से बातचीत की।
वनतारा ने एक बयान में कहा कि “प्रधानमंत्री ने एक ओकापी को थपथपाया, खुले में चिम्पांजी से रूबरू हुए, जिन्हें एक ऐसी सुविधा से लाया गया था, जहां उन्हें पालतू जानवरों के रूप में रखा गया था, ओरांगुटान को गले लगाया और उनके साथ प्यार से खेला, जिन्हें पहले एक भीड़भाड़ वाली सुविधा में रखा गया था, पानी के नीचे एक दरियाई घोड़े को करीब से देखा, मगरमच्छों को देखा, ज़ेबरा के बीच में सैर की, एक जिराफ और एक गैंडे के बच्चे को खाना खिलाया।”