Gujarat: बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ… गुजरात से देश के दूसरे हिस्सों तक बेटियों के उज्ज्वल भविष्य की कहानी

Gujarat: एक दशक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की बेटियों के लिए नए अवसर और उज्ज्वल भविष्य देने के लिए ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान शुरू किया था। 22 जनवरी 2015 को आरंभ हुई इस यात्रा ने पूरे देश को बेटियों के प्रति अपनी सोच बदलने का संदेश दिया। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी की ये सोच नयी नहीं थी। वो जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तो वहां उन्होंने लड़कियों की शिक्षा को लेकर कई प्रयोग किए। स्कूलों में ड्रॉप आउट रेट कम करने लिए शाला प्रवेश उत्सव और कन्या केलवणी जैसे अभियान चलाये, जिसका बड़े पैमाने पर असर देखने को मिला।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस विज़न को मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने आगे बढ़ाया और नमो लक्ष्मी, नमो सरस्वती जैसी योजनाएं शुरू कीं, जिससे लड़कियों की मुख्यधारा में भागीदारी बढ़ी और आज वो अपना भविष्य खुद तय करने के काबिल बन रही हैं। गुजरात में बेटियों के लिए चलाई गई योजनाओं का बड़ा असर हुआ। आज प्रदेश की लड़कियां हर क्षेत्र में बेहतर कर रही हैं।

अहमदाबाद की रहने वाली 13 साल की साम्या पंचल, वेट लिफ्टर हैं। इनकी उम्र से ज्यादा इनके नाम रिकॉर्ड दर्ज हैं। सम्या, गुजरात की सबसे कम उम्र की लड़की हैं, जिन्होंने माउंट एवरेस्ट कैंपिंग का रिकॉर्ड बनाया है। इतना ही नहीं 11 साल की उम्र में लद्दाख के चादर ट्रेक को पूरा करने वाली दुनिया की सबसे कम उम्र की बेटी बनकर इतिहास रच चुकी हैं।

सम्या की उपलब्धियों को देखते हुए गुजरात सरकार ने उन्हें ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान की अहमदाबाद ब्रांड एंबेस्डर बनाया, जो अपनी ही तरह प्रदेश की दूसरी बेटियों को प्रोत्साहित कर रही हैं। बेटियों के लिए शुरू की गई योजनाएं आज प्रदेश से निकलकर देश के लिए मॉडल बन गया है। जिससे लड़कियां अब हर क्षेत्र में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही हैं और खुद को साबित कर रही हैं।

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