Gujarat: गुजरात के खूबसूरत समुद्र तट पर बसा पोरबंदर जिले का माधवपुर गांव आध्यात्मिक अहमियत के कारण खासा मशहूर है, माना जाता है कि यह वो जगह है जहां भगवान कृष्ण ने देवी रुक्मिणी से विवाह किया था। इस दिव्य मिलन की याद में, गुजरात सरकार, केंद्र सरकार के सहयोग से, हर साल माधवपुर घेड मेले का आयोजन करती है। इस दौरान गुजरात और अरुणाचल प्रदेश के बीच के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को खासा याद किया जाता है। माना जाता है कि देवी रुक्मिणी का जन्म अरुणाचल प्रदेश में हुआ था।
एसडी धनानी, डीएम, पोरबंदर, गुजरात जिले में प्रत्येक विभाग ने 25 समितियां बनाई हैं। जिला अनुभाग बैठकें करता है, और चर्चा की गई जानकारी विभिन्न आंतरिक समितियों के साथ साझा की जाती है।
राम नवमी यानी चैत्र सुद नोम से चैत्र सुद तेरस तक हर साल आयोजित होने वाला ये पांच दिवसीय उत्सव इस साल 6 से 10 अप्रैल तक चलेगा। इस मेले के पहले चार दिन माधवपुर में मनाए जाते हैं जबकि पांचवें दिन द्वारका में देवी रुक्मिणी का भव्य स्वागत किया जाता है। ये मेला रंग-बिरंगे रसाडा नृत्य, लोक संगीत और भगवान कृष्ण और देवी रुक्मिणी के प्रेम को बयां करने वाले मनमोहक प्रदर्शनों से सैलानियों को मंत्रमुग्ध कर देता है।
सिलान मोदपुरिया, कलाकार, मिजोरम ये विभिन्न नृत्य शैलियां हैं जो माधवपुर घेड मेले में प्रदर्शित की जाएंगी। बेहतरीन सांस्कृतिक परिधानों से सजे धजे 1,600 कलाकार इस उत्सव में शिरकत करेंगे। इनमें से 800 गुजरात से और 800 पूर्वोत्तर भारत से होंगे। सभी कलाकर देश भर के दर्शकों के सामने अपनी समृद्ध परंपराओं का प्रदर्शन करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
पगाबम दिनेश्वरी, कलाकार, मिजोरम मणिपुर में हमारी संस्कृति में मणिपुरी और कुछ अन्य नृत्य शैलियाँ थीं, और हम सिर्फ़ उन्हीं को देखते थे। लेकिन यहाँ आने के बाद, हमें कई तरह के प्रदर्शन देखने का मौका मिला, जो कि बहुत ही अच्छा है।
नाडियाड रेलवे स्टेशन पर पहुंचे कलाकारों का गर्मजोशी से स्वागत किया गया। पारंपरिक ढोल-नगाड़ों, पुष्प मालाओं और “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” के प्रतीक तिलक के साथ उनका स्वागत किया गया।
इस साल माधवपुर घेड मेले में एक लाख से ज्यादा सैलानियों के पहुंचने की उम्मीद है। सूरत, वडोदरा, अहमदाबाद और सोमनाथ मंदिर में भव्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस बार माधवपुर घेड मेले को पूरे गुजरात में मनाया जाएगा।